PATNA: पटना की विशेष अदालत ने आज राजद के पूर्व एमएलसी को साढ़े पांच साल कैद की सजा सुनायी है. कोर्ट द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद पूर्व एमएलसी को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है. इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बेहद सख्त टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि पूर्व एमएलसी ने दुर्दांत अपराधी की तरह क्राइम किया है.
पटना में एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट के जज संगम सिंह ने बुधवार को आरजेडी के पूर्व एमएलसी आजाद गांधी को IPC की अलग अलग धाराओं में साढ़े पांच साल कैद की सजा सुनायी. इस मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने पूर्व एमएलसी आजाद गांधी की तुलना दुर्दांत अपराधी से की. कोर्ट ने कहा कि एक जन प्रतिनिधि ही सदन में बैठकर कानून बनाता है. लेकिन. आजाद गांधी ने ऐसी घटना को अंजाम दिया है, जिसे माफ नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कानून को ताक पर रख कर प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ क्राइम किया है.
क्या है मामला?
मामला लगभग 16 साल पुराना है. उस समय आजाद गांधी राजद के एमएलसी हुआ करते थे. उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था कि उन्होंने 50 समर्थकों के साथ 15 अक्टूबर 2007 को पटना जिला निर्वाचन कार्यालय पर हमला कर दिया था. इस दौरान उन्होंने जमकर हंगामा मचाया, अफसरों के साथ मारपीट और धमकी दी. गांधी मैदान थाने में इस मामले में केस दर्ज कराया गया था. एफआईआर में कहा गया था कि पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में एक महिला का नाम शामिल करने को लेकर आजाद गांधी ने समाहरणालय के अधिकारियों के साथ मारपीट की थी. आरोप लगाया गया था कि जब एडीएम मनोज कुमार ने नियमों का हवाला देकर मतदाता सूची में महिला का नाम शामिल करने से इनकार कर दिया था तो एमएलसी और उनके लोग हिंसा पर उतर आये थे. उन लोगों ने अधिकारियों के साथ मारपीट की थी.
पटना की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने आजाद गांधी के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया. विशेष अदालत ने गवाहों के बयान और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आजाद गांधी को दोषी पाया था. वहीं, दो अन्य आरोपी शशि सिंह और अमर कुमार झा को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया. पूर्व एमएलसी आजाद गांधी को आईपीसी की धारा 332 /149 में दो साल, धारा 353/149 और धारा 506 /149 में एक-एक साल जबकि धारा 342 /149, धारा 504 और 147 में छह-छह महीने की सजा दी है. विशेष अदालत द्वारा सभी धाराओं में दी गई सजा एक के बाद एक चलेगी. यानि आजाद गांधी को कुल साढ़े पांच साल जेल में रहना पड़ेगा.