कोरोना ने हालात भयावह किये, राष्ट्रपति शासन ही बचा विकल्प - अरुण कुमार

कोरोना ने हालात भयावह किये, राष्ट्रपति शासन ही बचा विकल्प - अरुण कुमार

PATNA : कभी नीतीश कुमार के सहयोगी रहे पूर्व सांसद डॉ अरुण कुमार ने बिहार में कोरोना के हालात को भयावह बताया है। डॉ अरुण कुमार ने कहा है कि बिहार की स्थिति अब राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का संकेत दे रही है। अरुण कुमार ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और बिहार के राज्यपाल से यह मांग की है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। 


डॉ अरुण कुमार ने कहा है कि बिहार की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है ऐसे में नीतीश सरकार को बने रहने का हक नहीं है. राज्यपाल को चाहिए कि वह नीतीश सरकार को तत्काल बर्खास्त करने की सिफारिश पर राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा करें. भारतीय सब लोग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार की माने तो बिहार में कोरोना के नाम पर केवल सरकारी लापरवाही सामने आ रही है ऐसे में इस मौजूदा सरकार के रहते इस महामारी से निपटना मुश्किल है. 


अरुण कुमार ने कहा कि बिहार में कोरोना महामारी वर्तमान सरकार से सम्भल नहीं रही है। जैसे बाढ़ इनके लिए कमाई का साधन था। वैसे ही कोरोना महामारी भी लूट का साधन बन गया है। कोरोनो से ज्यादा कैंसर, टीबी आदि बीमारी से मौतें हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त है। अस्पताल में मरीज आॅक्सीजन के बिना मर जा रहे हैं। स्थिति यह हो गई कि आज कोई लाश उठाने वाला नहीं है। सारा क्वारंटाइन सेंटर फ्लाॅप कर गया है। फर्जी कोरोना जाँच के आँकड़े दिए जा रहे हैं। राज्य में जहाँ प्रति एक लाख पर सिर्फ 313 कोरोना जाँच हो रही है तो वहीं राष्ट्रीय आंकड़ा प्रति एक लाख पर 979 है। इससे भी पता चलता है कि बिहार में कितनी गंभीर स्थिति है। एक आदमी तीन बार जाँच कराता है और हर बार रिपोर्ट में अन्तर रहता है। इसलिए मैं राज्यपाल से अनुरोध करूगाँ कि वो बिहार सरकार को बर्खास्त करने की अनुशंसा करें।