Bihar Election Voting: पहले चरण में महिलाओं ने किया रिकॉर्ड मतदान, गांव-शहर में दिखा उत्साह Bihar election 2025 : पहले चरण में जबरदस्त वोटिंग, मोकामा बनी सियासत का अखाड़ा; किसके सिर पर सजेगा ताज Bihar Election 2025: पटना में क्यों रहा मतदान प्रतिशत सबसे कम, जानें क्या है कारण? Bihar politics : विजय सिन्हा पर लखीसराय में क्यों हुआ हमला? पिछले साल भी यहीं हुआ था विरोध;जानिए आखिर क्या है वजह Bihar Election 2025: पहले चरण में रिकॉर्डतोड़ मतदान, जानें कौन सा जिला रहा सबसे आगे और कहां हुआ सबसे कम मतदान? Bihar Weather: बिहार के दर्जन भर जिलों में गिरा तापमान, अगले 3 दिनों तक कुछ ऐसा रहेगा मौसम का हाल Bihar Chunav : सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश: अब उम्मीदवारों को नामांकन पत्र में बताना होगा हर आपराधिक मामला — बिहार चुनाव के बीच अहम फैसला Bihar News: बिहार के कटिहार से अपहृत 'कृष्णा' भागलपुर से बरामद, 72 घंटे बाद पुलिस को मिली सफलता Bihar News: सांसद रवि किशन को फिर मिली जान से मारने की धमकी, बिहार के शख्स की तलाश में जुटी पुलिस Bihar Election 2025: RJD प्रत्याशी भाई वीरेंद्र को पुलिस को धमकी देना पड़ा महंगा, FIR दर्ज
1st Bihar Published by: Updated Tue, 10 May 2022 07:45:37 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में अधिकारियों और कर्मचारियों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर। राज्य के 4 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और अधिकारियों को लेकर नीतीश सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है। राज्यकर्मियों की सेवा संहिता यानी सर्विस कोड में बदलाव करने की तैयारी है। अब विधानमंडल से लेकर हाईकोर्ट और स्थानीय निकाय के कर्मी इसके दायरे में आएंगे। राज्य सरकार ने बिहार सेवा संहिता की समीक्षा के बाद इसमें बदलाव करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से वित्त विभाग के अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है।
सेवा संहिता में बदलाव को लेकर जिन बिंदुओं पर काम किया जाना है उनमें नियुक्ति के बाद कर्मचारियों के काम करने के तरीके, उनके अवकाश, उन्हें मिलने वाले दंड की शर्तें और साथ ही साथ स्थानांतरण प्रक्रिया से लेकर वेतन भत्तों का पुनर्गठन भी शामिल है। अब तक विधानमंडल, हाईकोर्ट और स्थानीय निकायों के कर्मियों पर राज्य सरकार की तरफ से सर्विस कोड लागू नहीं होता था लेकिन इसे लागू करने के बाद विधानसभा और विधान परिषद में काम करने वाले कर्मियों के साथ-साथ हाईकोर्ट के स्टाफ के ऊपर भी सरकार की तरफ से तय सर्विस कोड लागू होगा। इतना ही नहीं सरकार और स्थाई पदों या खास समय के लिए पदों पर तैनाती की शर्तों के बारे में भी स्पष्टता लाएगी। किनकी मृत्यु पर कार्यालय को बंद रखा जाए और किस तरह से शोक की व्यवस्था हो इस पर भी सर्विस कोड में बदलाव की संभावना है। इसके अलावा इस्तीफा, इस्तीफा वापसी और बर्खास्तगी की पैमाने को भी नए सिरे से तय किया जा सकता है। आपको बता दें कि बिहार सेवा संहिता साल 1952 में आई थी, इसमें समय समय पर बदलाव भी किए गए और एक बार फिर से इसकी समीक्षा की जा रही है।
बिहार सेवा संहिता में बदलाव की खबर सामने आने के बाद सचिवालय सेवा संघ से जुड़े लोगों ने इसका स्वागत किया है। इनका कहना है कि लंबे समय से सचिवालय सेवा संघ सेवा संहिता में बदलाव की मांग करता रहा है। सेवा संहिता में कोरोना जैसी महामारी को लेकर उल्लेख किए जाने की भी मांग की गई है।