बिहार में रह रहे बांग्लादेशी शरणार्थियों की तलाश, गृह मंत्रलाय ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट

बिहार में रह रहे बांग्लादेशी शरणार्थियों की तलाश, गृह मंत्रलाय ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट

PATNA : अब बिहार में रह रहे बांग्लादेशी शरणार्थियों की तलाश शुरू हो गई। इसको लेकर गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें कहा गया कि दिसंबर 1971 से बिहार में रह रहे बांग्लादेशी शरणार्थियों की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजा जाए। मंत्रलाय ने भागलपुर और राजधानी पटना सहित सभी जिलों को बांग्लादेशी शरणार्थियों की खोज कर उनकी रिपोर्ट तैयार कर भेजने को कहा है। हालांकि, अभी तक आधे से ज्यादा जिलों ने रिपोर्ट नहीं सौंपी है। उक्त शरणार्थियों का पता चलने के बाद मुख्यालय के स्तर से रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी।


जानकारी के अनुसार, बिहार में रह रहे बांग्लादेशी शरणार्थियों की पहचान कर रिपोर्ट सौंपने वाले जिलों की संख्या 11 है। जिनमें बांका, भोजपुर, औरंगाबाद, जमुई, बेगूसराय, समस्तीपुर, लीखसराय, नवगछिया, सहरसा, कटिहार और शेखपुरा शामिल हैं। वहीं, जिन जिलों से अभी तक शरणार्थियों की रिपोर्ट मुख्यालय को नहीं सौंपी गई है। उनमें राजधानी पटना के अलावा अररिया, अरवल, भागलपुर, बक्सर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गया, गोपालगंज, कैमूर (भभुआ), कटिहार , किशनगंज, खगड़िया, मधेपुरा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, नालंदा पूर्णिया, रोहतास, शिवहर, सारण, सीतमाढ़ी, वैशाली, मधुबनी और पश्चिमी चंपारण शामिल हैं।


मालूम हो कि, बांग्लादेश का मुक्ति संग्राम 1971 में शुरू हुआ। बांग्लादेश में खून की नदियां बही, लाखों बंगाली मारे गये। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएससीआर) के अनुसार यह कहा गया था कि 1971 के खूनी संघर्ष में अनुमानत एक करोड़ बांग्लादेशी शरणार्थी भारत आए। भारत को बांग्लादेशियों के अनुरोध पर इस सम्स्या में हस्तक्षेप करना पड़ा जिसके फलस्वरुप 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध शुरू हुआ। पाकिस्तानी सेना ने अंतत 16 दिसम्बर 1971 को भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। यही वजह है कि दिसंबर 1971 से बिहार में रह रहे बांग्लादेशी शरणार्थियों की खोज की जा रही है।


उधर, बांग्लादेशी शरणार्थियों की खोज के दौरान उनका नाम, जहां रह रहे हैं वहां का पता, उनके परिवार के सदस्यों का ब्योरा और उनके जीवन यापन यानी कार्य को लेकर भी ब्योरा इकट्ठा किया जा रहा है। गृह मंत्रालय ने न सिर्फ बिहार बल्कि अन्य राज्यों में रह रहे बांग्लादेशी शरणार्थियों का ब्योरा भी तलब किया है। बिहार के जिन जिलों में शरणार्थियों की खोज नहीं की जा सकी है वहां जल्दी यह काम पूरा कर रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। बांग्लादेश के वर्तमान हालात को देखते हुए भी इस रिपोर्ट को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।