बिहार में पुल गिरने के मामले पर केंद्र सरकार सख्त, केंद्र की एक्सपर्ट कमिटी से करायी जाएगी जांच

बिहार में पुल गिरने के मामले पर केंद्र सरकार सख्त, केंद्र की एक्सपर्ट कमिटी से करायी जाएगी जांच

BHAGALPUR: अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर निर्माणाधीन फोर लेन पुल के गिरने के मामले में केंद्र सरकार ने एक्शन लिया है। केंद्र की एक्सपर्ट कमिटी से अब इस मामले की जांच कराई जाएगी। पुल बनाने वाली कंपनी एसपी सिंगला के कार्यों की भी जांच होगी। बीजेपी नेता सैय्यद शाहनवाज हुसैन ने भागलपुर में प्रेस को संबोधित करते हुए इस बात की जानकारी दी। 


उन्होंने बताया कि पुल निर्माण कंपनी एसपी सिंगला जितने पुल बना रही है सब पर जांच बिठायी गयी है। देशभर में यह कंपनी छह पुल बना रही है जिस पर जांच बिठायी गयी है। इन छह ब्रिज में बिहार और पंजाब में 2-2 पुलों की जांच होगी। जबकि हरियाणा, यूपी और गुजरात में 1-1 पुल की जांच करायी जाएगी। 


शाहनवाज हुसैन ने कहा कि पुल के भरभराकर गिरने की घटना से भागलपुर की जनता डरी और सहमी हुई है। इसलिए भारत सरकार से हम यह मांग करते हैं कि विक्रमशीला पुल का भी टेंडर फिर से किया जाए। अभी इस पुल का काम शुरू नहीं हुआ। वही एसपी सिंगला कंपनी को ब्लैकलिस्ट किये जाने की भी मांग की गयी है।  


बता दें किअगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर निर्माणाधीन फोर लेन पुल के गिरने के मामले पर आज पटना हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ इस मामले में सुनवाई हुई। जहां सरकार ने जवाब के लिए कोर्ट से समय मांगा है। जिसके लिए सरकार को हलफनामा दाखिल करना होगा। बता दें अब इस मामले में अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।


हाईकोर्ट में इस मामले में अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर और ललन कुमार द्वारा याचिका दायर की गई थी. दरअसल, इससे पहले पूर्व न्यायाधीश पूर्णेन्दु सिंह की एकल पीठ ने अगुवानी -सुल्तानगंज पूल गिरने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए पुल निर्माण करने वाली कंपनी एसपी  सिंगला के एमडी को आज यानी 21 जून को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया था. न्यायालय ने एक वर्ष में दो बार पुल के गिर जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर राज्य सरकार एवं ठेकेदार के लचीले रवैये पर आपत्ति जताई थी.


वहीं, इस दौरान कोर्ट ने निर्माण कंपनी सिंघला को एक रिपोर्ट दायर करने का आदेश जारी किया था. जिसमें पुल की लंबाई, डीपीआर, मिटटी की गुणवत्ता रिपोर्ट, पुल में इस्तेमाल हुए सामान, ब्रिज के डिजाइन, पुल को बनाने की पूरी लागत समेत सभी तरह की संपूर्ण जानकारी देने को कहा गया था.