PATNA : बिहार में पंचायत चुनावों का बिगुल बजने वाला है. हालांकि सूबे में पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं हो रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने पंचायत चुनाव के लिए कमर कस ली है. बीजेपी ने फैसला किया है कि दलीय आधार पर चुनाव नहीं होने के बावजूद पार्टी की तरफ से समर्थित उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए रणनीति बनाकर काम किया जाएगा. इतना ही नहीं बीजेपी के नेता पार्टी समर्थित उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार भी करेंगे.
बिहार प्रदेश बीजेपी ने यह फैसला किया है कि पंचायत चुनाव में पार्टी के जो नेता और कार्यकर्ता मैदान में उतरेंगे, उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी. इसके लिए पार्टी के प्रदेश चुनाव सेल की तरफ से आज एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया. इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव के साथ-साथ राज्य सरकार के मंत्री जनक राम भी शामिल हुए. बैठक के बाद इन नेताओं ने कहा कि भले ही दलीय आधार पर चुनाव नहीं कराए जा रहे हो लेकिन इसके बावजूद पार्टी के जो भी नेता और कार्यकर्ता पंचायत चुनाव में उतरेंगे, उन्हें हर तरह की कानूनी मदद भी पार्टी मुहैया कराएगी.
दरअसल, बीजेपी का मकसद पंचायत चुनाव के जरिए अपने संगठन को निचले स्तर तक ले जाना है. बीजेपी जानती है कि दलीय चुनाव नहीं होने की स्थिति में वह अपने सिंबल पर उम्मीदवारों को खड़ा नहीं कर सकती लेकिन पीछे से खड़े होकर पार्टी के समर्थित उम्मीदवारों के जरिए अपनी साख को जरूर पढ़ा सकती है. इसी रणनीति पर काम करते हुए बीजेपी ने पंचायत चुनाव पर फोकस कर दिया है. एक तरफ जहां दूसरे दलों ने पंचायत चुनाव को लेकर कोई रणनीति नहीं बनाई है वहीं बीजेपी ना केवल प्लान तैयार कर चुकी है बल्कि उसको एक्टिवेट मोड में भी ले जा रही है.