डबल इंजन भी बिहार में ऑक्सीजन का कोटा नहीं बढ़ा पाया, केंद्र ने हर दिन 194 टन मेडिकल ऑक्सीजन का कोटा किया तय

डबल इंजन भी बिहार में ऑक्सीजन का कोटा नहीं बढ़ा पाया, केंद्र ने हर दिन 194 टन मेडिकल ऑक्सीजन का कोटा किया तय

PATNA : कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन की मारामारी को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन का कोटा तय किया है। लेकिन खास बात यह है कि डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद बिहार को अन्य राज्यों की तुलना में कम ऑक्सीजन देने का फैसला किया गया है। केंद्र सरकार ने बिहार के लिए प्रतिदिन 194 टन मेडिकल ऑक्सीजन का कोटा निर्धारित किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव निपुण विनायक ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिख कर मेडिकल ऑक्सीजन का कोटा तय किये जाने की जानकारी दी।


स्वास्थ्य विभाग को लिखे पत्र के अनुसार बिहार को अपने उत्पादन के अलावे झारखंड के बोकारो और जमशेदपुर के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के बर्नपुर और दुर्गापुर स्थित स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के प्लांटों से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। जानकारी के अनुसार झारखंड के बोकारो के अलग-अलग प्लांटों से 70 टन, जमशेदपुर से 50 टन और पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से 20 टन और बर्नपुर से 20 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति बिहार को होगी। जबकि बिहार के अपने प्लांटों से 34 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। बिहार को राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल से भी कम ऑक्सीजन का कोटा तय किया गया है। 


केंद्र के पत्र के अनुसार पश्चिम बंगाल के लिये 308 टन, राजस्थान के लिए 245 गे टन, उत्तरप्रदेश के लिए 798 टन और मध्यप्रदेश के लिए 643 टन ऑक्सीजन का आवंटन किया गया है। जबकि बिहार के लिए 194 टन ही ऑक्सीजन का कोटा तय किया गया है। जानकारी के अनुसार बिहार में बढ़ते संक्रमण और भविष्य की जरूरतों को लेकर राज्य सरकार ने केंद्र से 300 टन ऑक्सीजन का कोटा तय करने की मांग की है। राज्य में अभी ऑक्सीजन की 72 टन की मांग प्रतिदिन है जबकि अपने प्लांटों से 34 टन और झारखंड से मिलने वाले लिक्विड ऑक्सीजन से 50 से 55 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।