ब्रेकिंग न्यूज़

Air Conditioner: गर्मी से बेहाल बिहार! एयर कंडीशनर की मांग में रिकॉर्ड तोड़ उछाल! Bihar Crime News: नवविवाहिता की मौत के बाद अँधेरे में दाह संस्कार कर रहे थे ससुराल वाले, पुलिस को देख हुए फरार DY Chandrachud: पूर्व चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ अब बनेंगे प्रोफेसर? छात्रों को देंगे न्याय की क्लास! Bihar News: शिक्षिका ने विद्यार्थियों के कड़ा-रक्षा सूत्र पहनने पर लगाईं रोक, मारपीट के भी आरोप Bihar crime: सरकारी नौकरी ज्वॉइन करने से पहले ही...! पटना की युवती की बेरहमी से हत्या, करीबी दोस्त पर शक Bihar Crime News: खुद को बड़ा बाबू बता साइबर अपराधियों ने युवक से ठगे लाखों रुपए, एक गलती और सब बर्बाद Bulldozer action on Reetlal Yadav: आरजेडी विधायक रीतलाल के गांव में चला बुलडोजर! 17 दुकानें चंद मिनटों में जमींदोज Bihar Crime News: पैक्स अध्यक्ष पुत्र की गोली मारकर हत्या, परिजनों और समर्थकों का जमकर हंगामा Bihar Road News: 182 करोड़ खर्च कर गंगा तटबंध पर नई सड़क का निर्माण, ट्रैफिक जाम से मिलेगा हमेशा के लिए निजात Supreme Court Waqf hearing: वक्फ कानून पर आज सुप्रीम कोर्ट की अहम सुनवाई,? अंतरिम आदेश पर रहेगी नजरें!

बिहार में नगर निकाय चुनाव पर फिर लगा ग्रहण: सुप्रीम कोर्ट ने अति पिछड़ा आयोग को लेकर दिया बडा फैसला

1st Bihar Published by: Updated Wed, 30 Nov 2022 12:31:09 PM IST

बिहार में नगर निकाय चुनाव पर फिर लगा ग्रहण: सुप्रीम कोर्ट ने अति पिछड़ा आयोग को लेकर दिया बडा फैसला

- फ़ोटो

PATNA: बिहार में नगर निकाय चुनाव पर एक बार फिर बड़ा ग्रहण लग गया है. नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण के लिए रिपोर्ट तैयार करने वाले बिहार राज्य अति पिछड़ा वर्ग आयोग पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. ऐसे में नगर निकाय चुनाव में फिर पेंच फंस गया है. 



बता दें कि पिछले चार अक्टूबर को पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार में नगर निकाय चुनाव को रोक दिया गया था. पटना हाईकोर्ट ने कहा था कि बिहार सरकार ने निकाय चुनाव में पिछड़ों को आऱक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन नहीं किया है.कोर्ट ने पिछड़ों के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य सीट करार देकर चुनाव कराने को कहा था. जिसके बाद सरकार ने पूरी चुनावी प्रक्रिया रद्द कर दी थी. 



बाद में बिहार सरकार फिर से हाईकोर्ट पहुंची औऱ कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानने को तैयार है. बिहार में नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों को आऱक्षण देने के रिसर्च कराया जायेगा. बिहार के अति पिछड़ा वर्ग आयोग को इसका जिम्मा सौंपा गया है औऱ सरकार ने कहा कि इस आय़ोग की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव में पिछड़ों के लिए आरक्षण तय किया जायेगा. पटना हाईकोर्ट ने इसकी मंजूरी दे दी थी. 



सुप्रीम कोर्ट में फंस गया पेंच

हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत औऱ जस्टिस जे. के. माहेश्वरी की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान बड़ा आदेश दे डाला. दरअसल याचिका दायर करने वाले सुनील कुमार की ओर बहस करने वाली वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि बिहार सरकार ने निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन नहीं किया है. अति पिछड़ा वर्ग आयोग से आरक्षण के लिए रिपोर्ट तैयार करवाना सही नहीं है. 



इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि बिहार राज्य अति पिछड़ा वर्ग आयोग को एक डेडिकेटेड कमीशन नहीं माना जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर पक्ष रखने के लिए बिहार सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है. उन्हें चार सप्ताह में अपना पक्ष रखना है.



चुनाव पर फंस गया है पेंच

अब ये समझिये कि बिहार में नगर निकाय चुनाव पर कैसे पेंच फंस गया है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने साफ साफ आदेश दे रखा है कि स्थानीय निकाय चुनाव में राज्य सरकार पिछड़े वर्ग को तभी आरक्षण दे सकती है जब वह ट्रिपल टेस्ट कराये. कोई भी राज्य सरकार बिना ट्रिपल टेस्ट कराये हुए ओबीसी वर्ग को स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण नहीं दे सकती है. सुप्रीम कोर्ट के ट्रिपल टेस्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि निकाय चुनाव में आरक्षण के लिए राजनीतिक तौर पर पिछड़े वर्ग की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया जाना अनिवार्य है. उसके बाद इस आयोग की सिफारिश के मुताबिक ही आरक्षण का अनुपात तय हो सकेगा. ये तय हो सकेगा कि किन पिछड़ी जातियों को आरक्षण दिया जा सकता है. 



सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट वाले अपने फैसले में डेडिकेटेड आयोग बनाने को कहा था. बिहार सरकार ने अति पिछड़ा वर्ग आय़ोग को ये काम सौंप दिया. अब सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि अति पिछड़ा वर्ग आयोग डेडिकेटेड आयोग नहीं है. इसका मतलब यही निकलता है कि अति पिछड़ा वर्ग आय़ोग की रिपोर्ट पर आरक्षण कैसे तय हो सकता है. हालांकि राज्य सरकार को चार सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना है. अगर सुप्रीम कोर्ट उसकी दलीलों से संतुष्ट होता है तो फिर चुनाव का रास्ता साफ हो सकता है. लेकिन फिलहाल तो मामला लटक गया है.


बीजेपी बोली-नीतीश अति पिछड़ा विरोधी

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोला है. सुशील मोदी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से फिर एक बार नीतीश कुमार का अति पिछड़ा विरोधी चेहरा उजागर हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अति पिछड़ा आयोग को डेडिकेटेड कमीशन पर रोक लगा दी है. बीजेपी पहले से कह रही थी नया कमीशन बनाइए परंतु नीतीश कुमार अपनी ज़िद पर अड़े रहे. इसका नतीजा सामने है.