Bihar News: इंटर पास छात्राओं के लिए ₹25,000 पाने का आखिरी मौका, बढ़ाई गई रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि Bihar News: नेपाल से सटे सीमावर्ती जिलों में जमीन रजिस्ट्री के जरिए काले धन का बड़ा खेल, आयकर विभाग ने शुरू की जांच Bihar Weather: बिहार के 30 से ज्यादा जिलों में आज बारिश की संभावना, IMD ने जारी किया अलर्ट Road Accident: बिना नंबर की कार ने मचाया कोहराम, कई लोग घायल गयाजी में किसान सम्मेलन का आयोजन, सूरज यादव ने किसानों की आवाज़ बनने का लिया संकल्प थाने के लॉकअप से फरार कैदियों को पुलिस ने दबोचा, चौकीदार और OD ऑफिसर पर सहरसा SP ने की कार्रवाई बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग: अनशन के दौरान RJD नेता की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में मिलने पहुंचे मनोज झा मुजफ्फरपुर: कॉलेज प्राचार्या पर महिला कर्मी की पिटाई और वसूली का आरोप, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला पूर्णिया में NSD का नाट्य उत्सव: विद्या विहार स्कूल में 21-22 सितम्बर को विशेष प्रस्तुतियाँ बिहार में चुनावी सरगर्मी हुई तेज: शाह-नीतीश की मुलाकात के बाद JDU ने की बैठक, राहुल और तेजस्वी पर साधा निशाना
1st Bihar Published by: Updated Fri, 19 Feb 2021 09:08:55 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 7 निश्चय की योजनाओं में लगातार गड़बड़ी से परेशान सरकार ने मुखिया और उप मुखिया पर गाज गिराने की तैयारी कर ली है. जिस मुखिया के क्षेत्र में नल-जल योजना पूरी नहीं हुई या गड़बड़ी हुई उन्हें पद से हटाया जायेगा, और फिर अगले पांच साल तक पंचायत का चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया जायेगा. राज्य सरकार ने ये आदेश जारी किया है.
पंचायती राज विभाग का फरमान
बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने मधुबनी के जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि बिहार पंचायती राज अधिनियम में ये प्रावधान है कि अगर कोई मुखिया जानबूझ कर अपने दायित्वों और कर्तव्यों को करने से इंकार करे या उपेक्षा करे तो उसे पद से हटाया जा सकता है. वैसे मुखिया या उप मुखिया को हटाये जाने की तिथि से पंचायत चुनाव में अगले पांच सालों तक अयोग्य घोषित किया जा सकता है.
मुखिया को तत्काल हटाने का निर्देश
अमृत लाल मीणा ने कहा कि नल-जल योजना में जो भी मुखिया अपने दायित्व को निभाने में गड़बड़ी कर रहे हैं उनके खिलाफ बिहार पंचायती राज अधिनियम की धारा 18 (5) के तहत तत्काल कार्रवाई शुरू की जाये. ताकि वे पद से हटें और अगला चुनाव भी नहीं लड़ पायें. पंचायती राज विभाग ने जिलाधिकारी को कार्रवाई शुरू करने को कहा है.
दरअसल पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने ये पत्र मधुबनी जिले में नल-जल योजना की स्थिति की समीक्षा करने के बाद लिखा है. पत्र के मुताबिक मधुबनी जिले में 675 वार्डों में अभी भी नल-जल योजना का काम पूरा नहीं हुआ है. सरकार ने स्वीकार किया है कि ठीकेदार और वार्ड सदस्य की मिलीभगत से बडे पैमाने पर घोटाला भी हुआ है.
राज्य सरकार ने नल जल योजना में गड़बड़ी के मामलों में सारे अभियुक्तों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है. जहां एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है वहां तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने को भी कहा है.
नीतीश सरकार के इस बड़े फैसले का इसबार के पंचायत चुनाव और नगर निकाय चुनाव पर बड़ा असर पड़ने वाला है. पंचायतस्तर तक नल जल योजना को पहुंचाने और उसका लाभ पहुंचाने के लिए सरकार के इस फैसले से जहां जनता खुश होगी, वहीं वैसे जनप्रतिनिधियों की रातों की नींद हराम हो जाएगी जिन्होंने अब तक इस योजना पर पंचायत में काम नहीं करवाया है. ऐसे में जनप्रतिनिधियों के लिए बाकी बचे समयों में नल जल योजना को पूरा करने की चुनौती आ खड़ी हो गई है.