बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार की खबर फर्जी निकली: कांग्रेसी नेताओं की नीतीश से कोई बात तक नहीं हुई, मीडिया ने शपथग्रहण का डेट तक बता दिया

बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार की खबर फर्जी निकली: कांग्रेसी नेताओं की नीतीश से कोई बात तक नहीं हुई, मीडिया ने शपथग्रहण का डेट तक बता दिया

PATNA: पिछले 17 जुलाई को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी. फर्स्ट बिहार ने तभी कहा था कि नीतीश कुमार महागठबंधन में हो रहे उठापटक को रोकने के लिए लालू आवास गये थे. लेकिन मीडिया के एक धड़े ने खबर चला दिया कि बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा है और नीतीश कुमार इसी पर चर्चा करने के लिए लालू आवास पहुंचे थे. हद देखिये कि मंत्रिमंडल विस्तार और शपथ ग्रहण की तारीख तक चला दी गयी. खबर दी गयी कि शनिवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह और प्रभारी भक्त चरण दास सीएम आवास जाकर नीतीश को अपने कोटे के नये मंत्रियों की सूची सौंपेंगे. लेकिन कांग्रेस ने ही आज ऐसी खबरों का खंडन कर दिया.


कांग्रेस के मंत्रियों का नाम तय नहीं

पटना में प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनकी नीतीश कुमार से मंत्रिमंडल के विस्तार पर कोई चर्चा नहीं हुई है. भक्तचरण दास ने कहा कि मैं तो कांग्रेस द्वारा आयोजित मछुआरा सम्मेलन में शामिल होने आया था. शुक्रवार को मैंने नीतीश कुमार को फोन कर उनका हाल चाल जाना था लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई बात नहीं हुई. ना ही नीतीश कुमार से मुलाकात का कोई कार्यक्रम है. भक्त चरण दास ने कहा कि कांग्रेस अब तक ये तय ही नहीं कर पायी थी कि उसके कोटे से कौन नये मंत्री बनेंगे. अभी भी मोटा-मोटी नाम तय हुआ है. 


उधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस कोटे से दो नये मंत्री बनने हैं. लेकिन मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा ये नीतीश कुमार तय करेंगे. अखिलेश सिंह ने कहा कि उनका नीतीश कुमार से मिलने का फिलहाल कोई कार्यक्रम नहीं है. नीतीश कुमार से बात और मुलाकात होती रहती है लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उनसे मिलने की कोई बात ही नहीं है. 


बता दें कि पिछले महीने जब पटना में विपक्षी दलों की बैठक हुई थी, उसी दौरान ये तय हुआ था कि कांग्रेस के कोटे से दो और मंत्री बनेंगे. उससे पहले तो नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों मंत्रिमंडल विस्तार की खबरो का सिरे से खंडन कर रहे थे. लेकिन कांग्रेस के दबाव के बाद नीतीश ने यूटर्न मार लिया. पटना में विपक्षी बैठक के बाद एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें नीतीश कुमार राहुल गांधी से ये पूछ रहे थे कि कितना मंत्री और बनाना है. हालांकि उस समय राहुल गांधी ने कोई जवाब नहीं दिया था.