PATNA : कोरोना को लेकर बिहार में लगे लॉकडाउन के दौरान सरकारी कार्यालयों से गैरहाजिर रहने वाले कर्मचारियों औऱ अधिकारियों का वेतन नहीं काटा जायेगा. उन्हें मई महीने का पूरा वेतन दिया जायेगा. बिहार सरकार के वित्त विभाग ने ये आदेश जारी कर दिया है. सरकार का ये आदेश स्थायी कर्मचारियों के साथ साथ संविदा औऱ आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले कर्मचारियों पर भी लागू होगा. वित्त विभाग ने इस आदेश को सारे ट्रेजरी में भेज दिया है.
पिछले साले के आदेश का दिया गया हवाला
दरअसल बिहार में पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान भी लॉकडाउन लगाया गया था. तब सरकार ने तय किया था कि लॉकडाउन में दफ्तर नहीं आने वाले कर्मचारियों का वेतन नहीं काटा जाये. सरकार ने कहा था कि लॉकडाउन के कारण सार्वजनिक यातायात के तमाम साधनों पर रोक लग गयी थी. इसके कारण ढेर सारे कर्मचारी ऐसे थे जिन्हें ऑफिस आने के लिए यातायात के साधन नहीं मिले. लिहाजा उनकी गैरहाजिरी के कारण वेतन नहीं काटा जाये.
सरकार ने इस साल भी उसी आदेश का हवाला देते हुए पत्र जारी किया है. यानि लॉकडाउन में कर्मचारियों की कार्यालय में उपस्थिति की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है. फिलहाल इसे सिर्फ मई महीने के लिए लागू किया गया है. इसका लाभ संविदा कर्मियों को भी मिलेगा.
पहले से गायब कर्मचारियों पर उनके प्रधान लेंगे निर्णय
हालांकि कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जो लॉकडाउन के पहले से ही दफ्तर से गायब हैं. अगर लॉकडाउन के पहले वे बगैर सही मंजूरी के मुख्यालय छोड़ कर गये थे और लॉकडाउन के कारण वापस नहीं लौट पाये तो उनके वेतन पर फैसला उनके कार्यालय के प्रमुख लेंगे. वैसे सरकार ने संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को एक औऱ राहत दी है. अगर लॉक़डाउन में वे बिना बताये गैर हाजिर रहे तो इस आरोप में उन्हें सेवा से नहीं हटाया जायेगा.