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1st Bihar Published by: Updated Mon, 04 Apr 2022 06:02:29 PM IST
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PATNA: बिहार सरकार और पुलिस अपने कुत्तों की उपलब्धि बता रही है। बिहार पुलिस के मुताबिक कुत्ते शराबबंदी में कमाल कर रहे हैं। सरकार ने आंकड़ा जारी किया है। ये आंकड़ा कह रहा है कि कुत्तों ने पिछले तीन साल में बिहार में डेढ़ लाख लीटर से ज्यादा शराब पकड़वा दिया है। कुत्तों के कारण 412 शराब बेचने या पीने वाले जेल भी गये हैं।
दरअसल बिहार पुलिस ने अपने श्वान दस्ते यानि डॉग स्क्वायड की उपलब्धियां गिनायी है। वैसे तो पुलिस के डॉग स्क्वायड का मुख्य काम अपराध के बाद अनुसंधान में मदद करना होता है लेकिन बिहार पुलिस पिछले तीन-चार सालों में अपने डॉग स्क्वायड का कोई बड़ा काम नहीं बता पा रही है। पुलिस खुद जो आंकड़ा दे रही है उसके मुताबिक डॉग स्क्वायड ने पिछले नौ सालों में सिर्फ 9 आपराधिक घटनाओं की पड़ताल में मदद दी है। हां, शराब पकड़ने में पुलिस के खोजी कुत्तों की उपलब्धियां जरूर बतायी गयी हैं।
बिहार पुलिस के मुताबिक उसके खोजी कुत्तों नें पिछले तीन सालों में यानि 2019 से लेकर 2021 तक शराब पकड़वाने में बहुत मदद की है. कुत्तों ने सूंघ कर शराब के भंडार का पता लगाया, जिससे बड़े पैमाने पर शराब पकड़ी गयी. तीन सालों में कुत्तों की मदद से डेढ़ लाख लीटर से ज्यादा शराब बरामद की गयी है. शराब की बरामदगी के साथ साथ उससे जुड़े 412 लोगों को भी कुत्तों की मदद से ही गिरफ्तार किया गया।
एक कुत्ते पर महीने में डेढ़ लाख का खर्च
बता दें कि नीतीश सरकार ने शराब की बरामदगी के लिए 2019 में ही स्निफर डॉग खरीद कर उन सबों की तेलंगाना में खास ट्रेनिंग करायी थी. पहले बैच में 20 कुत्तों को ट्रेंड कर लाया गया था. पुलिस के ये कुत्ते दो मिनट में ट्रक की तलाशी करते हैं. बिहार पुलिस के स्निफर डॉग को हैदराबाद के इंटिग्रेटेड इंटेलिजेंस ट्रेनिंग सेंटर दूर से ही शराब सूंघकर पता लगाने की ट्रेनिंग दी गयी है।
एक डॉग पर सिपाही रैंक के दो हैंडलर तैनात हैं. इनके वेतन पर करीब एक लाख रूपये रुपये खर्च होते हैं। डॉग स्क्वायड के एक कुत्ते के खाने से लेकर वैक्सीन, दवा आदि पर हर महीने लगभग 50 हजार रूपये का खर्च आता है. हाल में ही सरकार ने घोषणा की है कि अब खास नस्ल के कुत्तों को खरीद कर उन्हें कोलकाता में ट्रेंड कराया जायेगा. शराब पकड़ने के लिए कुत्ते को बड़े पैमाने पर ट्रेंनिंग दी जा रही है।