बिहार में जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति में भारी फर्जीवाड़ा, फर्जी डिग्री वाले हजारों कैंडिडेट ने किया एप्लाई, रोकनी पड़ी नियुक्ति प्रक्रिया

बिहार में जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति में भारी फर्जीवाड़ा, फर्जी डिग्री वाले हजारों कैंडिडेट ने किया एप्लाई, रोकनी पड़ी नियुक्ति प्रक्रिया

PATNA: बिहार सरकार के नगर विकास और आवास विभाग में जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति में फर्जी उम्मीदवारों की भरमार ने सरकार को हैरान कर दिया है. हजारों की तादाद में फर्जी डिग्री वालों का आवेदन देखकर सरकार ने नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी है.


मेघालय से लेकर UP,राजस्थान की डिग्रियों में फर्जीवाड़ा

दरअसल बिहार के नगर विकास विभाग में 243 जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति होनी है. सरकार ने जनवरी में इसके लिए वैकेंसी निकाली थी. राज्य सरकार के पास कुल 18 हजार आवेदन आये. लेकिन उनमें हजारों आवेदन तीन खास संस्थानों से पास दिखाये जा रहे आवेदकों की है. नियुक्ति कर रहे अधिकारियों ने जब उन संस्थानों से डिग्री लेने का दावा कर रहे आवेदकों का मार्क्स देखा तो हैरान रह गये. उन तीनों संस्थानों से पास छात्रों के नंबर 90 परसेंट से ज्यादा था. 


मेघालय के एक संस्थान के सबसे ज्यादा आवेदक

नगर विकास विभाग में जूनियर बनने के लिए आवेदन करने वालों में सबसे ज्यादा तादाद मेघालय के एक संस्थान से डिग्री लेने वालों की है. सभी आवेदकों को 90 से 95 प्रतिशत तक अंक मिले हैं. हैरान हुए बिहार सरकार के अधिकारियों ने जब जांच पड़ताल की तो पता चला कि ये संस्थान अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद AICTE से मान्यता प्राप्त नहीं है. कुछ महीने पहले जब बिहार सरकार के ही पंचायती राज विभाग ने जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति की थी तब भी मेघालय के इस संस्थान के डिग्रीधारियों के सैकडो आवेदन आये थे. जांच में उनकी डिग्री फर्जी निकली तो सारे आवेदन रद्द कर दिये गये थे.


UP, कर्नाटक, राजस्थान के संस्थानों के नाम पर भी फर्जीवाड़ा

सरकारी सूत्रों के मुताबिक कई आवेदकों ने उत्तर प्रदेश के एक डीम्ड यूनिवर्सिटी के मार्क्स शीट और सर्टिफिकेट के आधार पर आवेदन किया है. जब डीम्ड यूनिवर्सिटी से संपर्क साधा गया तो पता चला कि उन्होंने वो मार्क्स शीट और सर्टिफिकेट जारी ही नहीं किया है. वहीं, राजस्थान के एक डीम्ड यूनिवर्सिटी के नाम पर भी खेल किया गया है. यूनिवर्सिटी ने अंक पत्र और प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है लेकिन आवेदकों ने उसी यूनिवर्सिटी के कागजातों पर एप्लाई कर दिया है.


कर्नाटक के एक यूनिवर्सिटी से डिग्री के आधार पर एप्लाई करने वालों का भी फर्जीवाड़ा पकड़ा जा चुका है. इस यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने का दावा करने वालों ने 95 परसेंट मार्क्स के कागजात दिये हैं. सरकार को आशंका है कि कागजात फर्जी हैं, जिनकी जांच की जा रही है.


हजारों फर्जी आवेदन पकडे जाने के बाद नगर विकास विभाग में नियुक्ति प्रक्रिया को टाल दिया गया है. जूनियर इंजीनियर नियुक्ति के लिए 10 और 11 फरवरी को काउंसलिंग होनी थी. लेकिन फिलहाल उसे स्थगित कर दिया गया है. नियुक्ति से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक अब सारे आवेदनों की जांच पड़ताल के बाद ही काउंसलिंग शुरू की जायेगी.