PATNA : बिहार में जातीय जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और एस.वी.एन. भट्टी की बेंच में इस मामले पर सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में बिहार में जातीय जनगणना के खिलाफ तीन याचिकायें दायर की गयी है.
बता दें कि बिहार में हो रही जातिगत जनगणना का मुद्दा तीसरी दफे सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. सर्वोच्च न्यायालय में जातीय जनगणना पर रोक लगाने के लिए इस दफे तीन याचिकायें दायर की गयी है. इनमें पटना हाईकोर्ट के 1 अगस्त के फैसले को चुनौती दी गई है. इससे पहले हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को बिहार सरकार के जातिगत जनगणना को सही ठहराते हुए उसके खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई गई है.
वैसे नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पहले ही कैविएट दाखिल कर रखा है. इसमें सुप्रीम कोर्ट से कहा गया है कि उसका पक्ष जाने बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जाये. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वालों में एनजीओ एक सोंच एक प्रयास के साथ साथ यूथ फॉर इक्वालिटी और अखिलेश कुमार शामिल हैं.
बता दें कि बिहार की जातीय जनगणना पर पटना हाईकोर्ट ने मई महीने में तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया था. इसके बाद मामले की विस्तृत सुनवाई 3 से 7 जुलाई तक पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच में हुई. कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. पिछले 1 अगस्त को जातिगत जनगणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था. कोर्ट ने बिहार सरकार के जाति गणना कराने के फैसले को सही ठहराया और उसके खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था.