NALANDA/BEGUSARAI: बिहार में प्रचंड गर्मी और चिलचिलाती धूप से लोग परेशान हैं। तापमान इतना बढ़ गया है कि घरों से निकलता तक मुश्किल हो गया है। औरंगाबाद में पिछले दो दिनों से तापमान काफी बढ़ा हुआ है वहां 48 डिग्री तक तापमान पहुंच चुका है उसी तरह कई जिलों का भी वही हाल है। अब हीट वेव बिहार में जानलेवा साबित हो रहा है। हीट वेव से अभी तक कई लोगों की मौत हो गयी है। नालंदा के एक दारोगा की भी मौत हीट वेव के कारण हो गयी है वही बेगूसराय में एक महिला ने भी दम तोड़ दिया है।
खगड़िया की रहने वाली एक महिला बस से बेगूसराय पहुंची थी। बेगूसराय बस स्टैंड पर जैसे ही बस रुकी महिला उतरने लगी तभी वो हीट वेव की शिकार हुई और अचानक बेहोश होकर बस से नीचे गिर गयी। जिसके कुछ देर बार उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। इस घटना की सूचना मृतका के पति को दी गयी।
नालंदा में हीट वेव से होमगार्ड के एक जवान की मौत हो गई वही बीमार 16 लोगों का इलाज बिहराशरीफ के सदर अस्पताल में चल रहा है। मृतक की पहचान होमगार्ड का जवान रमेश प्रसाद के रूप में हुई है जो सिवान जिला के रहने वाले थे। बिहार शरीफ इलेक्शन ड्यूटी में आए हुए थे कि अचानक हीट वेव के शिकार हो गये। गुरुवार को तबीयत बिगड़ने के बाद उनकी मौत हो गई।
बता दें कि नालंदा में पारा 44 डिग्री पहुंच गया है जिसके कारण लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। आज सुबह से 16 लोग हीट वेव के कारण बीमार हो गये जिन्हें बिहारशरीफ सदर अस्पताल लाया गया। जहां इमरजेंसी वार्ड में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। गर्मी इतनी है कि लोग अपने घर से टेबल फैन लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। हीट वेव के शिकार मरीजों को ठंडा पानी से नहलाया जा रहा है और शरीर पर बर्फ भी रखा जा रहा है।
वही मुंगेर जिले में भी हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। भीषण गर्मी, चिलचिलाती धूप और लू से लोगों के बीच त्राहिमाम मचा हुआ है। मई के 28 दिनों में ही सदर अस्पताल में दस्त, डायरिया, बुखार व सांस की बेतहाशा गर्मी व उमस ने जहां लोगों के जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. वहीं गर्म हवाओं के कारण दस्त, डायरिया, बुखार और सांस की तकलीफ के मरीजों की संख्या भी अधिक हो गयी है। जिनका इलाज मुंगेर के सदर अस्पताल में चल रहा है।
साथ ही मुंगेर जिले का तापमान वैसे तो 41 डिग्री सेल्सियस चला गया, लेकिन उमस के कारण लोगों को 41 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 50 डिग्री सेल्सियस तापमान का एहसास हो रहा है । मरीजों का इलाज कर रहे मुंगेर सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ.के.रंजन ने बताया की हीट स्ट्रोक से बचने के ले बचाव ही सबसे बेहतर उपाय है. इसके लिये जरूरी है कि बिना आवश्यक कार्य के धूप में घरों से बाहर न निकलें तथा अधिक से अधिक पानी पीयें, ताकि शरीर में पानी की मात्रा बनी रहे।
गर्मी में अधिकांश बीमारी का कारण शरीर में पानी की कमी ही होती है. गर्मी जानित बीमारी के एक माह के अंदर कुल 541 मरीज इलाज के लिये भर्ती हो चुके हैं. इसमें दस्त व डायरिया के सर्वाधिक 419 मरीज भर्ती हुए हैं. जबकि सांस की तकलीफ से पीड़ित कुल 102 तथा बुखार के कुल 20 मरीजों को सदर अस्पताल में अबतक भर्ती किया गया।