ब्रेकिंग न्यूज़

बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी

बिहार में हुए सियासी खेला में कौन निकला असली खिलाड़ी? किसके मास्टरस्ट्रोक से आखिरी वक्त में बची बीजेपी-जेडीयू की लाज?

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 13 Feb 2024 08:48:26 PM IST

बिहार में हुए सियासी खेला में कौन निकला असली खिलाड़ी? किसके मास्टरस्ट्रोक से आखिरी वक्त में बची बीजेपी-जेडीयू की लाज?

- फ़ोटो

PATNA: बिहार में सोमवार को जबरदस्त सियासी खेला हुआ. बिहार विधानसभा में जो हुआ, वैसा नजारा लोगों ने शायद ही पहले कभी देखा होगा. तीनों बड़ी पार्टियों यानि भाजपा, राजद और जेडीयू में सेंध लग गयी. कुछ समय के लिए तो ये लग गया था कि नीतीश की नयी सरकार चली गयी. लेकिन आखिरी वक्त में एक मास्टर स्ट्रोक ने सारा खेल बदल दिया. ये मास्टरस्ट्रोक बीजेपी के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने लगाया था. जानिये अंदर की कहानी


पहले लालू-तेजस्वी ने जमकर बैटिंग की

बिहार में 28 जनवरी को जब नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ सरकार बनायी तो तेजस्वी यादव ने एलान किया-अभी ‘खेला’ होना बाकी है. इस एलान के बाद तेजस्वी यादव और उनके पिता लालू प्रसाद यादव बैटिंग करने पर उतर आये. भाजपा औऱ जेडीयू के एक दर्जन से ज्यादा विधायकों के घर लालू-तेजस्वी के दूत पहुंच गये. बिना शोर-शराबे के राजद ने जाल बिछाया और बीजेपी-जेडीयू के कम से कम 7 विधायक उसमें फंस गये. 


आखिरी समय में सकते में आ गयी बीजेपी और जेडीयू

12 फरवरी को विधानसभा में सरकार को बहुमत साबित करना था. उससे पहले विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी. सदन का  आंकड़ा ऐसा था कि अगर सत्तारूढ़ एनडीए के 7 विधायकों ने गच्चा दे दिया तो सरकार का चला जाना तय था. लेकिन बीजेपी और जेडीयू को 9 फरवरी तक इसका अंदाजा ही नहीं था कि उनके विधायकों में जबर्दस्त सेंधमारी हो चुकी है. 


10 फरवरी को बीजेपी को अंदाजा हुआ कि उसके तीन विधायक भागीरथी देवी, रश्मि वर्मा और मिश्रीलाल यादव हाथ से बाहर जा चुके हैं. जेडीयू की हालत औऱ खराब थी. 10 फरवरी को ही जेडीयू नेताओं को भी लगा कि उनकी पार्टी में सेंधमारी हो चुकी है. 11 फरवरी को जेडीयू नेताओं के पैर तले जमीन खिसक गयी, जब ये जानकारी हुई कि 3 विधायक पहुंच से बाहर हो चुके हैं. जेडीयू के डॉ संजीव, दिलीप राय और बीमा भारती खेला कर चुके थे. 


11 फरवरी को एक्शन में आयी बीजेपी

बीजेपी नेताओं को पहले से इसका अंदाजा ही नहीं था कि उनके साथ भी खेला हो सकता है. 11 फरवरी को इसका अंदाजा हुआ. इसके बाद बीजेपी ने सारी ताकत झोंक दी. बिहार का पूरा प्रशासन भाजपा-जेडीयू के लापता विधायकों का सुराग तलाशने में लग गया. झारखंड में छिपकर बैठे जेडीयू विधायक डॉ संजीव 11 फरवरी की रात जैसे बिहार की सीमा में घुसे, उन्हें पुलिस ने दबोच लिया. बीमा भारती का सुराग 11 फरवरी की देर रात मिला. उन्हें 12 फरवरी की सुबह मोकामा के पास पकड़ा गया. लेकिन जेडीयू के विधायक दिलीप राय, बीजेपी के मिश्रीलाल यादव, भागीरथी देवी और रश्मि वर्मा का सुराग नहीं मिल पा रही था. 


बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक

11 फरवरी को बीजेपी ने दूसरे विकल्प पर काम करना शुरू किया. बीजेपी को समझ में आया कि सिर्फ अपने विधायकों को तलाशने से काम नहीं चलेगा. अब राजद को उसी की भाषा में जवाब देना होगा. 11 फरवरी को ही बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के बीच बात हुई और तब जेडीयू के शीर्ष नेतृत्व ने आनंद मोहन से बात की. उनसे डील हुई और आनंद मोहन के विधायक बेटे चेतन आऩंद को तेजस्वी यादव के घर से निकालने की रणनीति तैयार हुई. रात के दो बजे प्रशासन ने चेतन आनंद को तेजस्वी यादव के घर से निकाल लिया. 


असली चाल विजय सिन्हा ने चली

लेकिन अब भी भाजपा-जेडीयू संशय में थे. डर इस बात का था कि जो विधायक पार्टी की बैठक में आ रहे हैं वे भी आखिरी वक्त में पाला बदल सकते हैं. इसलिए राजद में पर्याप्त सेंधमारी जरूरी थी. बीजेपी में इसकी जिम्मेवारी डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने उठायी. विजय सिन्हा ने वो काम कर दिखाया, जिसके बारे में लालू-तेजस्वी और उनके सिपाहसलारों ने सोचा तक नहीं होगा. 


प्रह्लाद यादव टूट गये

लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा से राजद के विधायक हैं प्रह्लाद यादव. एक तो जाति से यादव और दूसरे लालू परिवार के पुराने वफादार. डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने प्रह्लाद यादव को ही तोड़ दिया. बीजेपी सूत्र बताते हैं कि विजय सिन्हा पहले से ही प्रह्लाद यादव से संपर्क में थे. 11 फरवरी की रात उन्होंने प्रह्लाद यादव को राजद का दामन छोड़ कर बीजेपी के साथ आने को राजी कर लिया. 


हाथ पकड़ कर ले आये

12 फरवरी को जब विधानसभा में वोटिंग होनी थी उससे पहले का एक नजारा बेहद दिलचस्प था. इसी वाकये को मैच का टर्निंग प्वाइंट माना जा सकता है. डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा विधानसभा में विपक्षी विधायकों की लॉबी के पास गये, वहां खड़े विधायक प्रह्लाद यादव का हाथ पकड़ा औऱ साथ में लेकर सीधे सीएम नीतीश कुमार के चेंबर में पहुंच गये. प्रह्लाद यादव के विजय सिन्हा के साथ जाने का नजारा राजद के कई विधायकों के साथ साथ तेजस्वी के खास लोग भी देख रहे थे. संजय यादव, शक्ति यादव जैसे तेजस्वी के कई खास नेता उस समय विधानसभा परिसर में ही मौजूद थे. जब उन लोगों ने प्रह्लाद यादव को सीएम के चेंबर की ओर जाते देखा तो उनके चेहरे का रंग उड़ गया. 


बीजेपी के इसी मास्टर स्ट्रोक ने राजद का सारा प्लान फेल कर दिया. प्रह्लाद यादव जब सीएम के चेंबर से निकल कर सदन में आये और सत्तापक्ष के विधायकों के साथ बैठे तो सदन का पूरा माहौल ही बदल गया. वोटिंग कुछ देर बाद होने वाली थी और जेडीयू के कुछ विधायक तब तक पेशोपेश में थे. लेकिन जैसे ही उन्होंने लालू परिवार के खास प्रह्लाद यादव को पाला बदलते देखा, वैसे ही उनका मूड भी बदल गया. राजद की हिम्मत टूट चुकी थी और सारा खेल बदल गया.


जानकार बताते हैं कि प्रह्लाद यादव के पाला बदलने का एक और बड़ा असर हुआ. बाहुबली अनंत सिंह की विधायक पत्नी नीलम देवी के पाला बदलने में भी इसका रोल रहा. नीलम देवी को जब पता लगा कि लालू परिवार के खास प्रह्लाद यादव भी पलट गये हैं तब उन्होंने आखिरी फैसला लिया.