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1st Bihar Published by: Updated Wed, 11 May 2022 02:47:28 PM IST
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PATNA: बिहार में अब जनता के मत से मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होगा। इसको लेकर सरकार की ओर से सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है। हालांकि आरक्षण को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी किया, जिसके बाद बिहार में नगर निकाय चुनाव में आरक्षण की सीटों पर बात अटक गई है।
मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश सरकार से जुड़ा एक आदेश दिया, जिसका प्रभाव बिहार के नगर निकाय चुनाव पर देखने को मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई भी राज्य सरकार बिना ट्रिपल टेस्ट कराये ओबीसी वर्ग को स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण नहीं दे सकती। अब इसको लेकर लोगों के मन कई तरह के सवाल खड़े होने लग गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी किए गए इस फैसले के बाद बिहार राज्य निर्वाचन आयोग विवश हो गया है। बता दें कि इससे पहले तक नगरपालिका और स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट कराना अनिवार्य नहीं था। अदालत ने मध्य प्रदेश सरकार को आदेश दे दिया है कि वो बिना ओबीसी आरक्षण दिये स्थानीय निकाय चुनाव कराये। राज्य निर्वाचन आयोग को दो हफ्ते के अंदर अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश दिया गया है।
आरक्षण कोटा 50 प्रतिशत की सीमा से ज्यादा न हो, यह राज्य को ही सुनिश्चित करना होगा। दरअसल, पैनल की बहाली, स्थानीय निकायवार सीमा और पीछड़ेपन को मापा जाना है। नगर निकाय चुनाव में इस बार आरक्षण को लेकर फेंच फंसा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट से आदेश मिलने के बाद लोगों के मन में सवाल खड़े हो रहे हैं कि आरक्षण को लेकर सरकार क्या फैसला लेगी।