PATNA : बिहार में पड़ रहे प्रचंड गर्मी के बीच एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) ने फिर से दस्तक दे दिया है. जनवरी से अब तक एईएस के आठ मामले सामने आ चुके हैं. एसकेएमसीएच में भर्ती हुए इनमें से सात बच्चे ठीक होकर घर जा चुके हैं. जनवरी महीने में एईएस से एक बच्चे की मौत हो चुकी है. एईएस पीड़ित इन बच्चों में से चार मुजफ्फरपुर, दो मोतिहारी, एक सीतामढ़ी और एक अररिया के हैं.
बच्चों में एईएस की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है. इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी एईएस (एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) की चुनौती से निपटने के लिए अस्पतालों में सभी तरह की तैयारी का निर्देश दिया है. उन्होंने इसके लिए मरीजों को अस्पताल पहुंचाने, तत्काल दवाओं की उपलब्धता और पीकू वार्ड तैयार रखने को कहा है. इसके पहले मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने एईएस को लेकर जिलों से फीडबैक लिया.
बता दें कि मंगलवार को एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में एईएस को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि एईएस के प्रति पूरी तरह सतर्कता बरतें. लोगों को एईएस के लक्षणों एवं इलाज़ के प्रति जागरूक करते रहें. इसके लिए व्यापक रूप से जागरुकता अभियान चलाएं.
इसके अलावा सीएम नीतीश ने एईएस से प्रभावित बच्चों को तुरंत अस्पताल तक पहुंचाने की सारी व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि पीकू वार्ड को पूरी तरह से तैयार रखें ताकि एईएस प्रभावित बच्चों को ससमय इलाज मिल सके. इसके साथ ही अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें.