बिहार में धर्म परिवर्तन पर सियासी घमासान, मंत्री ने कहा - धर्मांतरण अपराध नहीं, भाजपा ने कहा - कुर्सी के लिए चुप है सरकार

बिहार में धर्म परिवर्तन पर सियासी घमासान, मंत्री ने कहा - धर्मांतरण अपराध नहीं, भाजपा ने कहा - कुर्सी के लिए चुप है सरकार

PATNA : बिहार में पिछले दिनों राजधानी पटना से सटे इलाके पालीगंज से एक खबर निकल कर सामने आई थी कि वहां हिंदू जाती से आने वाले लोगों को धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। जिसके बाद अब इसको लेकर सत्तारूढ़ दल से सवाल किया गया तो इस विषय पर सभी का अलग -अलग राय था। लेकिन, सबसे बड़ी बात यह थी कि इनलोगों में किसी ने भी इसे गलत नहीं ठहराया। हालांकि, कुछ पार्टी के नेता ने इस मामले में बोलने से कन्नी जरूर काटी।  वही, बिहार सरकार के एक मंत्री ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया। 


बिहार सरकार के मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि, यह कोई अपराध तो नहीं हो रहा, इससे पहले भी ऐसा होता रहा है। यदि कोई संविधान में कानून हो और इसका उलंघन हो रहा हो तब कोई बड़ी बात हो। यह किसी और के लिए मुद्दा हो सकता है देश को बांटने के लिए। इसमें कोई ऐसा बात तो हैं  नहीं कि कोई उग्रवादि हमला हो गया हो और हमलोग चुप बेठे हुए हो। यह देश सेकुलर लोगों का देश है, इसलिए इसमें कोई नई बात नहीं है।  इसको बिना मतलब का तुल दिया जा रहा है। यहां हर किसी को अपने समझ के अनुसार धर्म को अपनाने कि छुट है।  इसलिए कोई यदि अपनी मर्जी के अपना धर्म बदलना चाहे तो इसमें कोई जुर्म नहीं है। वही, इस मामले में छुट्टी से वापस लौटे राजद के  प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इसे मोदी का चुनावी एजेंडा करार दिया तो वहीं, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा इस मामले में कन्नी काटते दिखे। 


जबकि, इधर इस पुरे मामले में बिहार विधानसभा के नेता विरोधी दल विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि, धर्मांतरण को लेकर माननीय न्यायालय के द्वारा स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि यह  राष्ट्रहित में कतई उचित नहीं है। लोभ और भय से धर्मांतरण करना गलत है। यह नियमों के विरुद्ध है। इसको लेकर कई राज्यों में  बिल भी लाया है। लेकिन, इसके बाबजूद बिहार में खुलकर लोग दुरुपयोग कर रहे हैं। इसलिए इस मामले में  बिहार सरकार को संज्ञान लेना चाहिए। नीतीश कुमार को अपनी वोट और कुर्सी के कारण राष्ट्रहित को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।  यदि वो ऐसा करते है तो फिर जनता उनको कभी भी माफ नहीं करेगी। इसकी सजा भुगतने के लिए उनको तैयार रहना होगा। 


इसके आलावा इस मामले में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह द्वारा दिए गए बयानों को लेकर विजय सिन्हा ने कहा कि, वो बुजुर्ग नेता है, इसके बाबजूद इन्हें बार-बार अपमानित होना पड़ता है। अपना पद को छोड़कर भागना पड़ता है। इस बार बड़ी मुश्किल से कुर्सी पर बैठे हैं, ऐसे में वह कोई न कोई स्टेटमेंट नहीं देंगे तो फिर वापस से अपमानित हो जाएंगे।