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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 22 Sep 2024 05:06:25 PM IST
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PATNA: बिहार में डेंगू का कहर जारी है। अब तक कुल मरीजों की संख्या एक हजार पार पहुंच गयी है। बिहार में डेंगू मरीजों की संख्या 1057 हो गयी है। वही मरने वालों की संख्या अब तक 6 हो गयी है। मृतकों में 3 पटना के रहने वाले हैं।
बिहार के कई जिलों में डेंगू से लोग खासे परेशान हैं। पटना में सबसे ज्यादा मरीज 21 सितंबर को मिले हैं। इस दिन मिले डेंगू के 78 मरीजों में 22 सिर्फ कंकड़बाग में है। वही अजीमाबाद में 13, पाटलिपुत्र में 12, एनसीसी में 11, बांकीपुर में 3 और पटना सिटी में 1 मरीज मिले हैं। वही संपतचक में 4, पटना सदर में 3 बख्तियारपुर में 2 डेंगू के मरीज मिले हैं।
इसके अलावा धनरुआ, फतुहा, खुसरूपुर, पालीगंज में एक-एक पीड़ित मिले हैं। पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने लोगों से इसे लेकर सावधानी बरतने की अपील की। डीएम ने पटना नगर निगम और सिविल सर्जन कार्यालय को प्रभावित इलाके में विशेष अभियान चलाने की बात कही। इलाकों में फॉगिंग और दवा का छिड़काव करने का आदेश भी दिया।
डेंगू बुखार के लक्षण: संक्रमण के लक्षण 4 से 6 दिन बाद शुरू होते हैं और 10 दिनों तक रहते हैं। अचानक तेज बुखार (105 डिग्री), गंभीर सिरदर्द, आँखों के पीछे दर्द गंभीर जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द,थकान, जी मिचलाना, उल्टी आना,दस्त होना त्वचा पर लाल चकत्ते, जो बुखार आने के दो से पांच दिन बाद दिखाई देते हैं हल्का रक्तस्राव (जैसे नाक से खून बहना, मसूड़ों से खून आना, या आसान चोट लगना) डेंगू बुखार के लक्षण कभी-कभी हल्के होते हैं और यह फ्लू या अन्य वायरल संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं।
छोटे बच्चों और जिन लोगों को पहले कभी संक्रमण नहीं हुआ है, उनमें बड़े बच्चों और वयस्कों की तुलना में हल्के मामले होते हैं। हालांकि, उनमें गंभीर समस्याएं विकसित हो सकती हैं। इनमें डेंगू रक्तस्रावी बुखार, तेज बुखार, लसीका और रक्त वाहिकाओं को नुकसान, नाक और मसूड़ों से खून बहना, यकृत का बढ़ना (लिवर बढ़ना) और परिसंचरण तंत्र या वाहिकातंत्र की विफलता जैसी दुर्लभ जटिलता शामिल है। लक्षण बड़े पैमाने पर रक्तस्राव, सदमा और मृत्यु में बदल सकते हैं। इसे डेंगू शॉक सिंड्रोम भी कहते हैं।
गंभीर डेंगू बुखार तब होता है जब रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और उनमें रिसाव होने लगता है। रक्त प्रवाह में थक्का बनाने वाली कोशिकाओं (प्लेटलेट्स) की संख्या कम हो जाती है। इससे आघात, आंतरिक रक्तस्राव, अंग विफलता और यहां तक कि मरीज की जान भी जा सकती है।
डेंगू बुखार की रोकथाम कैसे करें ?
डेंगू बुखार को रोकने का सबसे अच्छा तरीका संक्रमित मच्छरों के काटने से बचना है। इसके लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। जब भी बाहर जाए तो लंबी बाजू की शर्ट और मोज़े में लंबी पैंट पहनकर ही निकले। यदि डेंगू के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से मिले। यदि आपके घर में किसी को डेंगू बुखार हो जाता है, तो मच्छरों से खुद को और परिवार के अन्य सदस्यों को बचाने के प्रयासों के बारे में विशेष रूप से सतर्क रहें। संक्रमित परिवार के सदस्य को काटने वाले मच्छर आपके घर में दूसरों को संक्रमण फैला सकते हैं।