तेजस्वी का बड़ा फैसला, कोरोना महामारी से निपटने के लिए अपना वेतन-भत्ता देने को तैयार हैं RJD के विधायक

तेजस्वी का बड़ा फैसला, कोरोना महामारी से निपटने के लिए अपना वेतन-भत्ता देने को तैयार हैं RJD के विधायक

PATNA : बिहार में कोरोना महामारी से निपटने के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ा फैसला किया है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी के सभी विधायक अपना वेतन और भत्ता सरकार को देने के लिए तैयार हैं. बशर्ते उसका इस्तेमाल महामारी से पीड़ितों के लिए किया जाए. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने आज बजाप्ता आधिकारिक के बयान जारी करते हुए कहा है कि महामारी से निपटने के लिए विपक्ष के तौर पर आरजेडी अपनी भूमिका निभाने को तैयार है.


शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने कहा है कि कोरोना के इस महामारी में राजद सरकार को हर प्रकार से सहयोग देने को तैयार है. सरकार बताये कि वह किस प्रकार का सहयोग विपक्ष से लेना चाहती है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्देश पर पार्टी के सभी विधायक और पार्टी के सभी इकाईयों सहित दल से जुड़े साथी पहले से हीं अपने अपने क्षेत्रों में सक्रिय हैं. अधिक से अधिक लोगों को जाँच करवाना और संक्रमित लोगों के समुचित उपचार के साथ हीं सुरक्षात्मक उपायों के प्रति जागरूकता पैदा करने का काम कर रहे हैं. वैसे तो ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की व्यवस्था करना तो सरकार के हीं अधिकार क्षेत्र में है. दल से जुड़े एक विधायक ने तो नवादा जिले में अपने निजी फंड से 50 बेड की व्यवस्था भी कर दी है. 


राजद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि  यदि सरकार को आर्थिक सहयोग की आवश्यकता है तो वह उनके हाथ में है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्देश पर हमारे सभी विधायक अपनी पुरी राशी आर्थिक सहयोग के रूप में  देने को तैयार हैं. पिछले बार भी हमारे दल के विधायकों द्वारा सरकार को सहयोग दिया गया था पर उस राशि को कहाँ खर्च किया गया, इसकी जानकारी भी सार्वजनिक होनी चाहिए. उन्होंने पार्टी विधायकों और पार्टी के साथियों से कहा है कि वे अपने अपने क्षेत्रों में बने रहें और अपने स्तर से हर यैसा प्रयास करते रहें जिससे किसी को कोई परेशानी नहीं हो और संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके. 


जगदानन्द सिंह ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि उसे विपक्षी दलों से किस प्रकार का सहयोग चाहिए. अभी सबसे अधिक परेशानी ऑक्सीजन गैस को लेकर हो रही है, जिसका आवंटन केन्द्र सरकार करती है. अस्पतालों में वेंटिलेटर और वेड की व्यवस्था सरकार करती है.  दवाईयों पर नियंत्रण सरकार का है. अब इसमें सरकार की वास्तविक स्थिति क्या है, उसे सार्वजनिक रूप से बताना चाहिए. सरकारी स्वास्थ्यकर्मी और प्रशासनिक महकमा के लोग भी अपनी जान पर खेलकर उपलब्ध साधनों का इस्तेमाल करते हुए अपने स्तर से बेहतर सेवा देने का प्रयास कर रहे हैं. पर साधन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार की है. राजद से जुड़े चिकित्सक और तकनीशियन पहले से हीं नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं. सरकार अपने स्तर से यदि इनका सेवा लेना चाहती है तो वह जानकारी उपलब्ध कराये राजद के साथी सेवा देने को तैयार हैं.


उन्होंने कहा कि तत्काल अभी 14-14 लिटर वाली कम से कम 100-100 गैस सिलेंडर सभी जिलों में उपलब्ध कराना जरूरी है. जिलों की आबादी के अनुसार सिलेंडरों  की संख्या  निर्धारित की जा सकती है.बड़े अस्पतालों सहित सदर अस्पतालों और रेफरल अस्पतालों में खराब पड़े वेन्टीलेटरों को तत्काल मरम्मत करवा कर उसे इस्तेमाल योग्य बनाया जाए और वेन्टीलेटरों के हिसाब से गैस की आपूर्ति बढ़ाई जाये. सरकार की सारी व्यवस्था अस्पष्ट है.कितना बेड, गैस और वेंटिलेटर की आवश्यकता है और कितना उपलब्ध है यह स्पष्ट हीं नहीं है. हर तरफ अस्त-व्यस्तता की स्थिति है जिससे लोग परेशान हैं.