PATNA : बिहार में कोरोना मरीजों की आंकड़ा तेजी से बढ़ता चला जा रहा है । आज सुबह-सुबह जारी नये आंकड़ों के मुताबिक अब तक 60 मरीज सामने आ गये हैं। सूबे में कोरोना पॉजिटिवों की संख्या 1579 पहुंच चुकी है। इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कोरोना की जांच की धीमी गति पर फिर से बिहार सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा किया है। साथ ही साथ उन्होनें बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय को भी आड़े हाथों लिया है।
तेजस्वी यादव के ट्वीट करते हुए लिखा है कि तमाम दावों के बावजूद बिहार में कोरोना जांच पूरे देश में सबसे कम क्यों? 15 वर्षीय सरकार बताये आख़िर विफलता का क्या कारण है?अगर जांच किट नहीं हैं तो सरकारी विफलता है और अगर उपलब्धता के बावजूद जांच नहीं हो रही तो सबसे बड़ी विफलता है।नीतीश कुमार जी। स्वास्थ्यमंत्री कहां गायब है?
दरअसल, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष लगातार ट्वीट के जरिए बिहार सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इससे पहले भी उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'दो महीने से विनम्रतापूर्वक बिहार सरकार को हम सुझाव दे रहे हैं, आग्रह और सचेत कर रहे हैं कि बिहार में कोरोना जांच की रफ़्तार सबसे कम है। शुरुआती दौर में इसे 5000 जांच प्रतिदिन किया जाए, बाद में बढ़ाया जाए लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं। बस इन्हें चुनावों की चिंता है। अभी भी संभल जाइए।'
बता दें कि मंगलवार को बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बिहार में अब तक 50563 कोरोना सैंपल की जांच हुई है, जिनमें 1495 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। कुल जांच में 2.95 परसेंट लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। बिहार में कोरोना डबलिंग रेट करीब आठ दिनों का है। अब तक कुल 534 लोग कोरोना से स्वस्थ्य होकर घर जा चुके हैं। कोरोना से रिकवरी का रेट 36 परसेंट है।