DESK : कोरोना काल में होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव में अजीबो-गरीब नजारे देखने को मिलेंगे. बूथ पर तैनात पोलिंग ऑफिसर और कर्मचारी पीपीई किट पहने नजर आयेंगे तो ईवीएम का बटन अंगुली के बजाय टूथपिक से दबाया जायेगा. बूथ के बाहर गोल घेरे होंगे जिसमें शारीरिक दूरी बनाकर वोटर खड़े होंगे. चुनाव आयोग बिहार चुनाव के लिए कुछ ऐसे ही इंतजाम करने की तैयारी कर रहा है.
जानिये कैसे होंगे चुनाव
दरअसल कोरोना संक्रमण के बीच बिहार विधानसभा चुनाव को तय समय पर कराने को लेकर चुनाव आयोग ने शुक्रवार को माथा पच्ची की. इसमें ऐसे ही सुझाव निकल कर सामने आये. इसके बाद आयोग ने दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार किया है. जानिये चुनाव आयोग बिहार में कोरोना काल में चुनाव कराने के लिए कौन से इंतजाम करने पर विचार कर रहा है.
-कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए मतदानकर्मी पीपीई किट पहन कर बैठेंगे
-ईवीएम का बटन दबाने के लिए अंगुली का इस्तेमाल नहीं होगा. वोटरों को टूथपिक से बटन दबाने को कहा जायेगा. या फिर बटन दबाने के लिए दस्तानों का इंतजाम किया जायेगा
-मतदान केंद्र के बाहर थर्मल स्कैनर लेकर मतदानकर्मी तैनात रहेंगे. थर्मल स्कैनर से टेम्परेचर चेक होने के बाद ही बूथ में वोटरों को प्रवेश करने दिया जायेगा
-वोटरों के बीच शारीरिक दूरी बनाये रखने के लिए बूथ पर गोल घेरे बनाये जायेंगे. वोटरों को उन्हीं घेरे में खडा होने को कहा जायेगा
उधर चुनाव आयोग ने बिहार के सभी सियासी दलों से चुनाव को लेकर 31 जुलाई तक अपनी राय देने को कहा है. आयोग ने इन बिंदूओं पर सभी दलों से राय मांगा है.
-चुनाव प्रचार या सभा के दौरान मास्क का पहनना अनिवार्य कर दिया जाये
-चुनाव प्रचार के दौरान शारीरिक दूरी का हर हाल में पालन किया जाये
-किसी भी सभा में बड़े पैमाने पर भीड़ जुटाने पर रोक लगायी जाये
-जहां भी चुनाव प्रचार हो वहां थर्मल स्कैनिंग और सेनेटाइजेशन का इंतजाम हो
-हर बूथ पर मतदाताओं की संख्या कम कर दी जाये
आयोग के सचिव एनटी भूटिया ने राजनीतिक दलों से 31 जुलाई तक इस मसौदे पर सुझाव मांगा है. सभी पार्टियों की राय जानने के बाद आयोग दिशानिर्देश जारी करेगा. मसौदे के मुताबिक सभी कर्मचारियों और चुनाव काम में लगे लोगों को मास्क और दस्ताना पहनना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थलों, चुनाव कार्यालयों और पोलिंग बूथों पर सामाजिक दूरी का पालन करना होगा.
राजनीतिक दल बडी रैली नहीं कर सकेंगे. चुनावी समय में किसी तरह के सामाजिक समारोह और धार्मिक आयोजनों पर पाबंदी रहेगी. स्क्रीनिंग सख्ती से होगी और भीड़ रोकने के लिए व्यापक नियंत्रण सिस्टम लागू किया जाएगा.