बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों से केंद्र चिंतित, राष्ट्रीय औसत से ज्यादा तेजी से आ रहे केस

बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों से केंद्र चिंतित, राष्ट्रीय औसत से ज्यादा तेजी से आ रहे केस

PATNA : बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार भी चिंतित है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन और राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने आज बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और महकमे के अन्य बड़े अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की है. इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बिहार के अंदर कोरोना महामारी की बढ़ती रफ्तार और साथ ही साथ मुजफ्फरपुर के इलाके में एईएस के बढ़ते खतरे को लेकर चर्चा हुई है.


केंद्र और राज्य सरकार के बीच कोरोना को लेकर चर्चा के दौरान यह बात सामने आई है कि राज्य में कोरोना महामारी के डबल होने का औसत राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है. बिहार में 5 दिन से थोड़े ज्यादा वक्त में कोरोना मरीजों का आंकड़ा डबल हो रहा है. जबकि राष्ट्रीय स्तर पर पॉजिटिव केस डबल होने में 11 से 12 दिन का वक्त लग रहा है. केंद्र और राज्य के बीच हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान आज बिहार सरकार की तरफ से कई मांगे केंद्र के सामने रखी गईं. बिहार सरकार ने केंद्र से ऑटोमेटिक आरएनए ऑपरेशनल कीट की मांग की है. केंद्र ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इसकी आपूर्ति की जाएगी. केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को प्रवासी बिहारियों के आगमन को लेकर विशेष सतर्कता बरतने को कहा है.


केंद्र और राज्य के बीच हुई इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एईएस भी समीक्षा की गई है. एईएस पीड़ितों के लिए राज्य में फिलहाल 128 बेड वाले पीकू वार्ड की स्थापना की जा चुकी है. 15 मई तक यह क्या बढ़कर 200 हो जायेगा. राज्य सरकार ने यह बताया है कि एईएस प्रभावित जिलों में 18 एंबुलेंस फिलहाल काम कर रहे हैं और अगले 15 दिनों के अंदर 30 और एंबुलेंस इन इलाकों में कार्यरत होंगे. राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि जरूरत पड़ी तो प्रभावित इलाकों में विशेषज्ञों की केंद्रीय टीम भेजी जाएगी.