PATNA: बिहार में अवैध तरीके से चलने वाले प्राइवेट कोचिंग संस्थानों की अब खैर नही होगी। सरकार ने इन संस्थानों पर नकेल कसने की पूरी तैयारी कर ली है। इन संस्थानों को चलाने के लिए एक ही शर्त रखा गया है कि इसका निबंधन राज्य सरकार से कराया गया हो। इसके लिए कुछ मानक तय किए गए हैं, जिसके अनुरूप सुविधाएं देनी होंगी। इतना ही नहीं, तमाम कोर्सों के लिए योग्य शिक्षकों की टीम, जरूरी आधारभूत संरचनाएं भी रखना अनिवार्य होगा। कोचिंग संस्थानों का जब निबंधन के लिए राज्य सरकार को आवेदन दिया जाएगा, उसी समय संचालित कोर्सों के लिए कितने शुल्क निर्धारित किए गए हैं, ये बात भी सरकार को बताना होगा।
आपको बता दें, बिहार में प्राइवेट कोचिंग संस्थाओं पर रोक लगाने के लिए बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम 2010 लागू है। राज्य मंत्रिमंडल, विधानमंडल के दोनों सदनों और राज्यपाल की मंज़ूरी मिलने के बाद यह अधिनियम 28 अप्रैल 2010 को बिहार गजट में प्रकाशित हुआ तथा तभी से लागू है। हालांकि, इस अधिनियम को लागू करने के लिए अब तक नियमावली नहीं बनाई गई थी। अधिनियम बने हुए 12 साल हो गए और अब नियमावली को लेकर कवायद बढ़ गई है।
शिक्षा विभाग की ओर से बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) नियमावली 2022 प्रारूप तैयार कर लिया गया है। इसका प्रकाशन विभागीय वेबसाइट http://state.bihar.in//educationbihar पर किया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने अपर मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी नियमावली प्रारूप को लेकर सभी हितधारकों के लिए आम सूचना जारी किया है और 31 मई तक सुझाव मांगे हैं। अपना सुझाव देने के लिए निदेशक माध्यमिक के ई-मेल आईडी directorse.edu@ gmail.com पर जाएं।
बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) नियमावली 2022 लागू होने के 30 दिनों के भीतर पहले से संचालित हो रहे सभी कोचिंग संस्थानों को तय प्रारूप में रजिस्ट्रेशन के लिए पंजीकरण समिति के समक्ष आवेदन करना होगा। आपको बता दें कि रजिस्ट्रेशन के लिए 5 हजार का शुल्क रखा गया है जबकि अपग्रेडिंग कराने में 3 हजार लगेंगे। आवेदन के साथ सिलेबस, इस सिलेबस को कम्पलीट करने का समय, फीस, भौतिक संरचना की सूचना देनी होगी।
जो नियमावली प्रस्तावित किए गए, उसके अनुसार बिना रजिस्ट्रेशन या अपग्रेडिंग कराए कोचिंग का संचालन अपराध माना जाएगा। इसके अलावा अधिनियम की विशिष्टताओं या किसी अन्य प्रावधान का उल्लंघन नियमावली के मुताबिक अपराध होगा। नियमावली और अधिनियम के किसी प्रावधान के उल्लंघन पर पहले अपराध के लिए 25 हजार, दूसरे अपराध के लिए 1 लाख और उसके बाद कारणपृच्छा और सुनवाई का अवसर देकर निबंधन रद्द किया जाएगा।
आपको बता दें कि नियमावली लागू होने के 15 दिनों के अंदर ही डीएम पंजीकरण समिति का गठन करेंगे, जिसमें एसपी, डीईओ और एक अंगीभूत कॉलेज के प्रिंसिपल शामिल होंगे। डीएम को नियमावली गठन के 15 दिनों के अंदर जांच कमेटी का भी गठन किया जाएगा। इस जांच में केवल डीएम या एसडीओ ही शामिल रहेंगे। नियमावली में कोचिंग संस्थानों के खिलाफ शिकायत, सुनवाई और अपील के प्रावधान तथा इसके लिए शुल्क भी निर्धारित किए जाएंगे।