PATNA : कोरोना की चौथ की लहर की आशंका के बीच ब्लैक संघर्ष ने एक बार फिर से लोगों को डराया है। राजधानी पटना में पांच महीने बाद ब्लैक फंगस से एक मरीज की मौत हो गई। मरीज की मौत राजवंशी नगर स्थित एक निजी हॉस्पिटल होली प्रॉमिस में ऑपरेशन के बाद हुई।
सोमवार को ऑपरेशन के बाद मरीज की एक आंख, जबड़ा, सभी दांत और तालू को पूरी तरह से निकाल दिया गया था। उसके बाद से उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। ऑपरेशन में ईएनटी, आई और मैक्सोफेशियल के डॉक्टर शामिल थे। ऑपरेशन करने वाले एक डॉक्टर के मुताबिक दानापूर के रहने वाले राजन कुमार तीन दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराए गए थे।
47 साल के राजन का ब्लैक फंगस से पीड़ित होने के कारण नाक, जबड़ा और तालू की हड्डी लगभग गल चुकी थी। आंख के पीछे भी काफी संक्रमण फैल चुका था। उन्होंने बताया कि राजन कुमार को न तो डायबिटीज था और न ही कभी वे कोरोना से ग्रसित हुए थे। बावजूद इसके ब्लैक फंगस से पीड़ित हो गए थे। इससे पहले दूसरी लहर के बाद पिछले वर्ष जन के तीसरे सप्ताह से पटना में ब्लैक फंगस का प्रकोप तेजी से बढ़ा था। ब्लैक फंगस का प्रकोप अगस्त-सितंबर तक जारी रहा था। अक्टूबर के अंत तक इसका प्रकोप बहुत कम हो गया था।