PATNA: बिहार में जब BJP की सरकार बनेगी तब ही जनता को अब दूसरा AIIMS मिल सकेगा। राज्यसभा सांसद व बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने यह बातें कही। इस दौरान उन्होंने नीतीश के फैसले पर कई सवाल उठाए। कहा कि एम्स के लिए शोभन में गड्ढे वाली जमीन देने को नीतीश कुमार सही नहीं ठहरायें। एम्स-दरभंगा को सहरसा ले जाने के लिए जदयू सांसदों से क्यों दिलवाया गया ज्ञापन? अशोक पेपर मिल परिसर में एम्स के लिए जमीन देने की घोषणा किसके इशारे पर की गई थी?
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने दरभंगा एम्स के लिए डीएमसीएच परिसर के बजाय शोभन में जल जमाव वाली 151 एकड़ भूमि आवंटित करने के राज्य सरकार के फैसले पर कई सवाल उठाये। उन्होंने इंजीनियर-मुख्यमंत्री से पूछा कि क्या यह सही नहीं कि शोभन में आवंटित जमीन सड़क से 20 -30 फीट नीचे है और वहां जलजमाव होता है? उन्होंने कहा कि क्या यह सही नहीं कि ऐसी गड्ढे वाले जमीन को भर कर ऊंचा करने ( कॉम्पैक्ट बनाने) के बाद भी वहां भवन निर्माण करना कठिन और असुरक्षित है?
सुशील मोदी ने कहा कि यदि दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल ( डीएमसीएच) व्यस्त क्षेत्र में होने के कारण एम्स बनाने के लिए उपयुक्त नहीं है, तो सरकार ने इसी परिसर में पहले 81एकड़ जमीन क्यों दी थी? उन्होंने कहा कि सरकार को शोभन का आवंटन रद कर डीएमसीएच परिसर में ही एम्स के लिए 150 एकड़ भूमि देनी चाहिए।
उन्होंने पूछा कि 2000 करोड़ रुपये से बनने वाले एम्स-दरभंगा को सहरसा ले जाने के लिए नीतीश कुमार ने दिनेशचंद्र यादव सहित दो दर्जन जदयू सांसदों से केंद्र सरकार को ज्ञापन क्यों दिलवाया गया? उन्होंने यह भी पूछा कि महागठबंधन सरकार बनने और स्वास्थ्य सहित कई विभाग तेजस्वी प्रसाद यादव को मिलने पर लालू प्रसाद के करीबी भोला यादव ने अशोक पेपर मिल (हायाघाट) के परिसर में एम्स के लिए जमीन देने की घोषणा किसके इशारे पर की थी?
कौन चाहता था कि एम्स दरभंगा में नहीं बने? यदि नीतीश कुमार एम्स मुद्दे पर अपनी जिद और कुचक्र से बाज नहीं आते , तो अब बिहार में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर ही जनता को दूसरे एम्स की सौगात मिलेगी।