बिहार में बिजली की दरें अभी बढ़ाई जा सकती हैं, कंपनी को पुनर्विचार याचिका को विनियामक आयोग ने मंजूर किया

बिहार में बिजली की दरें अभी बढ़ाई जा सकती हैं, कंपनी को पुनर्विचार याचिका को विनियामक आयोग ने मंजूर किया

PATNA : आने वाले दिनों में बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई कीमतों का झटका लग सकता है। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली दर बढ़ाने की पुनर्विचार याचिका स्वीकार कर ली है। बिहार की बिजली कंपनी की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका पर आयोग 24 जून को सुनवाई करेगा। इस सुनवाई के दौरान आमलोग भी आयोग के सामने अपनी बात रख सकते हैं। आम लोगों से मिले सुझावों के आधार पर बिजली दर पर आयोग निर्णय लेगा। मार्च में बिजली दर की याचिका पर फैसला आने के बाद कंपनी ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी। बिजली कंपनी का तर्क है कि बिजली दर पर फैसला सुनाते वक्त विनियामक आयोग से कई फैक्ट छूट गए थे। उन छूटे हुए फैक्ट्स के आधार पर ही बिजली दरों में वृद्धि की जाए। 


बिजली कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक आयोग ने अपने फैसले में राज्य सरकार की तरफ से मिले 1200 करोड़ के अनुदान को नहीं जोड़ा था। इससे कंपनी की आमदनी अधिक हो गई। जबकि इस अनुदान को शामिल कर लिया जाए तो कंपनी घाटे में रहेगी। इसी तरह बिजली संकट होने पर कंपनी बाजार लागत से काफी अधिक मूल्य पर खरीद कर लोगों को बिजली आपूर्ति की है। आयोग ने इसकी भी अनदेखी की है। आयोग ने कंपनी को 15 फीसदी के नुकसान को आधार बनाकर बिजली दर सुनाया है जबकि केंद्र की आरडीएसएस योजना में बिहार को 19.50 फीसदी का नुकसान रखना है।


आंकड़े बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने 23835.31 करोड़ की मांग की थी। बिजली की बिक्री से होने वाली आमदनी के बावजूद कंपनी ने 1184.41 करोड़ कम होने का हवाला दिया था। आयोग ने बिजली कंपनी का खर्च 21545.97 करोड़ ही माना। बिजली की बिक्री से कंपनी को होने वाली आय के बाद मात्र 6.69 करोड़ का अंतर पाया और बिजली दरों में कोई इजाफा नहीं किया लेकिन अब इसमें वृद्धि हो सकती है।