बिहार में भ्रष्ट सरकारी कर्मियों की भरमार, निगरानी ने साढ़े चार हजार नामों की लिस्ट बनाई

बिहार में भ्रष्ट सरकारी कर्मियों की भरमार, निगरानी ने साढ़े चार हजार नामों की लिस्ट बनाई

PATNA : नीतीश सरकार भले ही भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने का दावा करती हो लेकिन राज्य के अंदर भ्रष्ट सरकारी सेवकों की लंबी फेहरिस्त है। निगरानी ब्यूरो ने ऐसे ही भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों और कर्मियों की लिस्ट बनाई है। पिछले 16 सालों में भ्रष्टाचार के पैमाने पर आकलन करते हुए यह लिस्ट तैयार की गई है। इस लिस्ट में तकरीबन साढ़े चार हजार दागी अधिकारियों और कर्मियों का नाम शामिल है। निगरानी ब्यूरो ने भ्रष्टाचार में लिप्त राज्य सरकार के कर्मियों के खिलाफ पिछले 16 वर्षों में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। इसमें भारतीय प्रशासनिक और पुलिस सेवा के अफसरों के अलावा एसडीओ, बीडीओ, निदेशक, औषधि नियंत्रक समेत अन्य स्तर के अधिकारी और कर्मी भी शामिल हैं। 


निगरानी विभाग ने भ्रष्टाचार के मामले में जिन अधिकरियों और कर्मियों पर साल 2006 से दिसंबर 2021 के बीच कार्रवाई की है, उसकी पूरी लिस्ट जिलों और विभागों को भेज दी गई है अब प्रमोशन समेत किसी अन्य तरह का लाभ लेने के लिए ऐसे भ्रष्ट सरकारी सेवकों को निगरानी से स्वच्छता प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा। आपको बता दें कि जिला और विभागीय स्तर पर कई अधिकारियों और कर्मियों के स्वच्छता प्रमाणपत्र की मांग की गई थी। मकसद था कि जो दागी कर्मी नहीं हैं उन्हें प्रमोशन का लाभ दिया जा सके। 


इसी पहल के बाद निगरानी विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी अरुण कुमार ठाकुर ने जिलों के साथ विभागों को पत्र लिखकर सरकारी सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के दर्ज मामलों की जानकारी साझा की है। पत्र में स्पष्ट किया गया है। कि प्रोन्नति के लिए 30 जून 2022 तक विचार किए जानेवाले मामलों में अलग से निगरानी स्वच्छता प्रमाण पत्र की मांग भेजने की जरूरत नहीं है।