Bihar Election Voting: पहले चरण में महिलाओं ने किया रिकॉर्ड मतदान, गांव-शहर में दिखा उत्साह Bihar election 2025 : पहले चरण में जबरदस्त वोटिंग, मोकामा बनी सियासत का अखाड़ा; किसके सिर पर सजेगा ताज Bihar Election 2025: पटना में क्यों रहा मतदान प्रतिशत सबसे कम, जानें क्या है कारण? Bihar politics : विजय सिन्हा पर लखीसराय में क्यों हुआ हमला? पिछले साल भी यहीं हुआ था विरोध;जानिए आखिर क्या है वजह Bihar Election 2025: पहले चरण में रिकॉर्डतोड़ मतदान, जानें कौन सा जिला रहा सबसे आगे और कहां हुआ सबसे कम मतदान? Bihar Weather: बिहार के दर्जन भर जिलों में गिरा तापमान, अगले 3 दिनों तक कुछ ऐसा रहेगा मौसम का हाल Bihar Chunav : सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश: अब उम्मीदवारों को नामांकन पत्र में बताना होगा हर आपराधिक मामला — बिहार चुनाव के बीच अहम फैसला Bihar News: बिहार के कटिहार से अपहृत 'कृष्णा' भागलपुर से बरामद, 72 घंटे बाद पुलिस को मिली सफलता Bihar News: सांसद रवि किशन को फिर मिली जान से मारने की धमकी, बिहार के शख्स की तलाश में जुटी पुलिस Bihar Election 2025: RJD प्रत्याशी भाई वीरेंद्र को पुलिस को धमकी देना पड़ा महंगा, FIR दर्ज
1st Bihar Published by: Updated Tue, 10 May 2022 12:17:44 PM IST
- फ़ोटो
CHAPRA: बिहार में भू-माफिया का मनोबल सातवें आसमान पर पहुंच चुका है। जमीनों के साथ साथ अब धरोहरों पर भी भू-माफिया की बुरी नजर है। छपरा में एक ऐसा ही सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां भू-माफिया ने आजादी के महानायक बाबू वीर कुंवर सिंह की धरोहर को ही बेच डाला है। शहर के कटरा नई बाजार मोहल्ला स्थित बाबू कुंवर सिंह के खजांची महल को भू- माफिया ने बेच दिया है। बता दें कि खजांची महल अंग्रेजों के खिलाफ बाबू कुंवर सिंह के विद्रोह का साक्षी रहा है।
जानकारी के मुताबिक भोजपुर और सारण की भू-संपदा में जगदीशपुर राज का भी हिस्सा था। राजस्व वसूली के लिए छपरा में शाहाबाद राज का खजांची महल था। इस महल से ही सारण और भोजपुर में राजस्व की वसूली की जाती थी। लेकिन समय के बीतने के साथ ही इस खजांची महल का अस्तित्व भी खतरे में आ गया। राज्य सरकारों की लापरवाही के कारण खजांची महल जीर्ण-शीर्ण अवस्था में चला गया। इस बीच भू-माफिया की बुरी नजर इस खजांची महल पर पड़ गई।
भू-माफिया ने महल को जमींदोज कर इसकी 24 कट्ठे जमीन को गलत तरीके से बेच दिया। 24 कट्ठा जमीन पर आज दर्जनों मकान बना लिए गए हैं। महल स्थित मंदिर के पुजारी के वंशजों ने यहां की 24 कट्ठा जमीन बेचने में भू-माफिया की मदद की है। हालत यह है कि वीर कुंवर सिंह की धरोहर खजांची महल का अस्तित्व तक मिटा दिया गया है। महल को जमींदोज कर उसकी भूमि को अवैध तरीके से बेचने के मामले में कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
गौरतलब है कि बाबू वीर कुंवर सिंह देश के इस प्रथम स्वाधीनता संग्राम के बिहार में महानायक थे। अंग्रेजों की लाख कोशिश के बावजूद भी भोजपुर लंबे समय तक स्वतंत्र रहा। बाद में जब ब्रिटिश सेना ने जगदीशपुर पर हमला किया तो वीर कुंवर सिंह को अपनी जन्मभूमि छोडनी पड़ी थी। जगदीशपुर छोडऩे के बाद वे एक सप्ताह तक छपरा के खजांची महल में रहे थे।