Bihar News: बिहार में बरसात से पहले ही गिर गया एक और पुल, जोरदार बारिश शुरू होगी तो क्या होगा? किशनगंज में बड़ी कार्रवाई: 1 करोड़ की हेरोइन के साथ महिला सहित दो तस्कर गिरफ्तार Success Story: कुचिपुड़ी बना उपचार का माध्यम, जानें...17 वर्षीय शाम्भवी की अनोखी सफलता कहानी Two Wheelers Toll Tax: दोपहिया वाहनों से टोल टैक्स पर आया केंद्र सरकार का जवाब, नितिन गडकरी ने बताई खबरों की सच्चाई Two Wheelers Toll Tax: दोपहिया वाहनों से टोल टैक्स पर आया केंद्र सरकार का जवाब, नितिन गडकरी ने बताई खबरों की सच्चाई Bihar Crime News: पुलिस वैन पर बैठकर रील बनाना पड़ा भारी, वायरल होते ही निकल गई उधारी राम की सारी हेकड़ी Bihar News: राज्य में कल 436 पंचायत भवनों का निरीक्षण, जांच का जिम्मा 110 इंजीनियरों पर Bihar News: सीएम नीतीश के नालंदा में भारी बवाल, सड़क हादसे में बच्चे की मौत के बाद लोगों ने स्कॉर्पियो को लगाई आग Bihar News: सीएम नीतीश के नालंदा में भारी बवाल, सड़क हादसे में बच्चे की मौत के बाद लोगों ने स्कॉर्पियो को लगाई आग Bihar News: शादी में डांस के दौरान विवाद, बदमाशों ने दूल्हे और उसकी माँ को जमकर पीटा
1st Bihar Published by: Updated Tue, 20 Dec 2022 07:26:53 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : छपरा जहरीली शराब कांड के बाद बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर नए सिरे से बहस छिड़ी हुई है। बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान भी शराबबंदी को लेकर लगातार बवाल देखने को मिला। एक तरफ यह बात जहां साफ हो चुकी है कि शराबबंदी कानून बिहार में औंधे मुंह गिरता जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार शराबबंदी कानून की सफलता गिनाने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में ही कहा था कि वह शराबबंदी की स्थिति जाने के लिए खुद बिहार का दौरा करेंगे और अब सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। बिहार में शराबबंदी से जो बदलाव आया है उसे लेकर नीतीश सरकार नए सिरे से सर्वे कराने जा रही है। साल 2016–17 में पहला सर्वे कराया गया था। तब बेहतर नतीजे आए थे और अब एक बार फिर से सरकार ने शराबबंदी के फायदे का अध्ययन कराने के लिए पहल की है।
बिहार में साल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था। शराबबंदी के कई महीने गुजरने के बाद दिसंबर 2016 में सर्वे कराया गया। 2017 में खत्म हुए इस सर्वे के अंदर सरकार ने शराबबंदी के बाद आए सामाजिक बदलाव की चर्चा की थी। तब यह बात सामने आई थी कि शराबबंदी के बाद राज्य के राजस्व पर बुरा असर पड़ा है लेकिन बाद में सरकार ने राजस्व के नुकसान की बात को खारिज किया। लेकिन अब शराबबंदी कानून के बावजूद जिस तरह जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है उसके बाद सरकार के ऊपर सवाल उठ रहे हैं। नीतीश कुमार ने खुद कहा है कि 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पटना आए थे तो उन्होंने शराबबंदी को लेकर तारीख की थी लेकिन आज बीजेपी के नेता ही शराबबंदी पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
एक निजी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन से जो खुलासे हुए हैं उसके बाद बिहार में शराबबंदी कानून की हकीकत सरकार में बैठे नेताओं ने ही सामने लाकर रख दी है। एक तरफ जहां इस स्टिंग ऑपरेशन से हड़कंप मचा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार शराबबंदी की उपलब्धि करवाने के लिए सर्वे कराने की तरफ आगे बढ़ने जा रही है। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के ऐलान के बाद जल्द ही यह सर्वे शुरू कराया जाएगा और बिहार में शराबबंदी कितनी सफल है सरकार इसे सामने लाने की तैयारी में जुट गई है।