PATNA : बिहार में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच मौसम विभाग में मानसून को लेकर जो पूर्वानुमान जारी किया है वह राज्य सरकार के लिए अलर्ट की स्थिति है। इस बार मानसून समय से पहले आने की संभावना जताई जा रही है, साथ ही साथ बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति भी बिहार में खतरनाक स्तर तक जा सकती है। इसी को देखते हुए नीतीश सरकार अभी से अलर्ट मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ की तैयारियों को लेकर कल यानी बुधवार को एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। मुख्यमंत्री के साथ बैठक में डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी के अलावे सभी मंत्री भी शामिल होंगे।
इस हाई लेवल मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ को लेकर तैयारियों की समीक्षा करेंगे और सुरक्षात्मक उपायों को लेकर अधिकारियों को निर्देश भी देंगे। हालांकि तटबंध सुरक्षात्मक कार्य पहले से ही शुरू किए जा चुके हैं। बाढ़ को लेकर रिलीफ कैंप बनाए जाने के मॉडल पर भी सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है। यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से बाढ़ प्रभावित जिलों में आश्रय स्थल के निर्माण का मामला अभी भी टेंडर प्रक्रिया में फंसा हुआ है। सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए जिलों से ताजा रिपोर्ट तलब की है। इस रिपोर्ट के ऊपर भी मुख्यमंत्री की हाई लेवल मीटिंग में चर्चा होगी।
पिछले दिनों राज्य सरकार ने सभी जिलों से बाढ़ आश्रय स्थल की ताजा रिपोर्ट तलब की है। इसमें बाढ़ आश्रय स्थलों के निर्माण की स्थिति और उपलब्ध करायी गयी राशि के खर्च से संबंधित उपयोगिता प्रमाण पत्र देने को कहा गया है। भवन निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव ने सभी एक्जीक्यूटिव इंजीनियरों को पत्र लिखकर बाढ़ आश्रय स्थल के निर्माण से जुड़ी जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने को कहा है। पिछले दिनों आपदा प्रबंधन विभाग ने भवन निर्माण विभाग से इस संबंध में जानकारी मांगी थी। रिपोर्ट आने के बाद मुख्यालय स्तर पर इसकी समीक्षा होगी और आगे कार्रवाई का दिशानिर्देश दिया जाएगा। बाढ़ को लेकर हाई लेवल मीटिंग में भी इस पर चर्चा होगी।