BHAGALPUR : बिहार के भागलपुर में अजीब वाकया हुआ है. एक घऱ में रात में बर्तन औऱ दूसरे सामान गिरने आवाजें आयी. लोगों की नींद खुली तो लाइट जला कर देखा कि क्या हो रहा है. लेकिन जो सामने दिखा उससे पूरे परिवार के होश उड़ गये. घर के अंदर करीब 10 फीट लंबा मगरमच्छ टहल रहा था. इसके बाद तो पूरा परिवार घर छोड़ कर भाग खड़ा हुआ. मगरमच्छ के डर से 10 घंटे तक पूरा गांव दहशत में रहा.
ये वाकया भागलपुर जिले के नवगछिया स्थित पकड़ा गांव का है. पकड़ा गांव के उप मुखिया राजीव कुमार अपने परिवार के साथ 7 नवंबर को छठ पर्व की संध्या का अर्घ्य देकर घर लौटे. सुबह जल्दी जागना था लिहाजा पूरा परिवार जल्द ही गया. रात में बर्तन सहित अन्य सामान के गिरने की आवाज आयी. इससे घर के एक सदस्य की नींद टूटी और फिर जो देखा उससे होश उड़ गये. उसने देखा कि करीब 10 फीट का एक मगरमच्छ घर के अंदर टहल रहा है.
उसने बदहवास होकर शोर मचाना शुरू कर दिया. उसके शोर मचाने के बाद आसपास के लोगों की भीड़ वहां जुट गई. इस दौरान सभी घर के सभी सदस्य डर कर घर छोड़कर भाग खड़े हुए. शोर शराबा सुन कर मगरमच्छ उप मुखिया राजीव कुमार के पूजा घर में जा घुसा. गांव के लोगों ने अपने बूते काफी प्रयास किया इसके बावजूद भी मगरमच्छ घर में घुसा रहा. इससे पूरे गांव में दहशत फैल गयी.
10 घंटे तक सांसत में रहे ग्रामीण
घबराये ग्रामीणों ने इसकी सूचना नवगछिया के एसडीओ ऋतुराज प्रताप सिंह और एसपी पूरण कुमार झा को दिया. पुलिस ने वन विभाग को इसकी जानकारी दी. लेकिन लेकिन वन विभाग की टीम की ड्यूटी परबत्ता छठ घाट पर लगी हुई थी, इसलिए रात में वह नहीं आ पाई. पूरी रात गांव के लोगों ने जागकर समय काटा. रात भर घर वालों के साथ-साथ पूरे गांव के लोग जगे रहे और पहरा देते रहे. उन्हें घर था कि मगरमच्छ उस घर से निकल कर दूसरे घर में घुस जा सकता है.
घंटों की मेहनत के बाद पकड़ा गया
अगले दिन सुबह में वन विभाग की टीम गांव में पहुंची और मगरमच्छ को पकड़ने की कोशिश शुरू किया. मगरमच्छ लगभग 10 फीट लंबा था और उसका वजन लगभग 100 किलोग्राम था. वन विभाग की टीम के काफी प्रयास के बाद भी मगरमच्छ पकड़ में नहीं आ रहा था. फिर स्थानीय ग्रामीणों की मदद ली गयी.
कई घंटों की मेहनत के बाद वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को काबू में लेकर उसे रस्सी से बांधा. मगरमच्छ को बांधकर नाव से बीच गंगा नदी में ले जाया गया और उसे नदी में छोड़ दिया गया. वन रक्षी अमन कुमार ने बताया कि वन विभाग के कुछ साथी के अलावा, ग्रामीणों के सहयोग से उसे पकड़ा गया और गंगा नदी में छोड़ दिया गया. मगरमच्छ के पकड़े जाने के बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली.