PATNA: भला कोई आदमी 5 साल में 10 साल बड़ा हो सकता है. या फिर कोई 5 साल बाद अपनी उम्र से 3 साल छोटा हो सकता है. क्या किसी आदमी की उम्र 5 साल में एक भी साल बढेगी ही नहीं. आप ये खबर सुन कर हैरान हो सकते हैं लेकिन बिहार के नेताओं ने ऐसा ही घोटाला किया है.
बिहार विधानसभा चुनाव में नेताओं का उम्र घोटाला सामने आ रहा है. ये कारनामा किसी एक पार्टी के उम्मीदवार ने नहीं किया है. इस घोटाले में सारे दल के नेता शामिल हैं. दरअसल चुनाव लडने वाले नेताओं को नामांकन पत्र भरते समय एफिडेविट देकर अपनी उम्र बतानी होती है. उनके एफिडेविट से ढेर सारे खुलासे हुए हैं. हमारी पड़ताल में ऐसे ढ़ेर नेताओं के कारनामे सामने आये हैं. जानिये बिहार के नेताओं का कारनामा.
मंत्री जय कुमार सिह 5 साल में दस साल बड़े हो गये
जेडीयू के नेता और राज्य सरकार में मंत्री जय कुमार सिंह का कारनामा देखिये. वे दिनारा सीट से तीन दफे से विधायक हैं. इस दफे फिर से जेडीयू ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है. जय कुमार सिंह के उम्र बढ़ने की रफ्तार देख कर आप हैरान हो जायेंगे. मंत्री जी की उम्र 5 साल में 10 साल बढ़ गई है. हालांकि ये इस उम्र में भी गड़बडझाला है.
समझयि कैसे
मंत्री जयकुमार सिंह ने 2015 के चुनाव लड़ते समय अपने एफिडेविट में अपनी उम्र 46 साल बतायी थी. 2020 यानि इस विधानसभा चुनाव में उन्होंने फिर से एफिडेविट कर अपनी उम्र बतायी है. इस दफे उन्होंने उम्र 56 साल बतायी है. यानि 5 साल में उनकी उम्र 10 साल बढ गयी. जय कुमार सिंह ने ये कारनामा कैसे कर दिखाया ये वही बता सकते हैं. हालांकि इस उम्र में भी गडबडझाला है. बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर उनकी जन्मतिथि 1 मार्च 1963 बतायी गयी है. इस हिसाब से उनकी आयु होती है 57 साल 7 महीने है. मंत्री जय कुमार सिंह की कौन सी उम्र सही है इसे समझना आम आदमी के वश की बात नहीं है.
बीजेपी के ज्ञानू सिंह की 5 साल में 10 साल बढ़े
मंत्री जय कुमार सिंह जैसा ही कारनामा बीजेपी के एक और उम्मीदवार ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने किया है. ज्ञानू बीजेपी के टिकट पर बाढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं. वे इस सीट से विधायक भी हैं. उनकी उम्र भी 5 साल में 10 साल बढ़ गयी. 2015 में चुनाव लड़ते वक्त उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी उम्र 51 साल बतायी थी. 2020 के चुनाव में उन्होंने अपनी उम्र 61 साल बतायी है. यानि 5 साल में उम्र में 10 साल का इजाफा. वैसे बिहार विधानसभा के वेबसाइट पर उनका डेट ऑफ बर्थ 19 जून 1959 है. उस हिसाब से वे 61 साल के ही हैं.
जेडीयू के रामानंद मंडल 5 साल में 8 साल बढ़ गए
जेडीयू के रामानंद मंडल जय कुमार औऱ ज्ञानू से दो साल कम बढ़े. वे 5 साल में 8 साल बढ़े हैं. रामानंद मंडल इस दफे जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने इस चुनाव में एफिडेविट कर अपनी उम्र 55 साल बतायी है. लेकिन रामानंद मंडल 2015 में भी चुनाव लडे थे. तब वे लखीसराय से जेडीयू के उम्मीदवार थे. 2015 में उन्होंने अपनी उम्र 47 साल ही बतायी थी. यानि 2015 से 2020 के बीच उनकी उम्र 8 साल बढ़ गयी.
आरजेडी विधायक सरोज यादव की उम्र कम होती जा रही है
आरा के बड़हरा से आरजेडी के विधायक हैं सरोज यादव. पार्टी ने उन्हें फिर से विधानसभा का टिकट दिया है. 2015 का चुनाव लड़ते समय उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष शपथपत्र दिया था. उसमें लिखा था ‘मैंने 33 वर्ष की आयु पूरी कर ली है.’ सरोज यादव ने इस दफे भी अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. इस दफे उन्होंने अपने एफिडेविट में लिखा है मैंने 30 साल की आयु पूरी कर ली है. यानि 2015 में उनकी उम्र 33 साल थी जो 2020 में घटकर 30 साल हो गयी. 5 साल में तीन साल छोटे हो गये सरोज यादव फिलहाल SC-ST केस में फंसे हैं और पुलिस उन्हें ढ़ूढ़ रही है.
कुर्था के जेडीयू उम्मीदवार सत्यदेव सिंह का कारनामा
अरवल जिले के कुर्था से जेडीयू के उम्मीदवार सत्यदेव सिंह भी उम्र घोटाला के नायाब उदाहरण हैं. बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर उनका डेट ऑफ बर्थ दिया गया है. उनकी जन्मतिथि है 20 जून 1950. यानि अभी उनकी उम्र 70 साल से ज्यादा है. लेकिन सत्यदेव सिंह ने इस दफे चुनाव का नामांकन पत्र भरते समय जो एफिडेविट दाखिल किया है, उसमें अपनी उम्र 61 साल बताई है. सवाल ये है कि कौन सी जानकारी सही है. विधानसभा में दी गयी जानकारी या चुनाव आयोग के समक्ष दायर एफिडेविट में दी गयी जानकारी.
बीजेपी की निक्की हेम्ब्रम 5 साल में एक दिन भी नहीं बढ़ीं
बांका जिले की कटोरिया सीट से बीजेपी की उम्मीदवार हैं निक्की हेम्ब्रम. पार्टी ने उन्हें 2015 में भी उम्मीदवार बनाया था. चुनाव हार गयी थीं. लेकिन पार्टी ने इस दफे फिर से टिकट दिया है. 2015 के चुनाव नामांकन पत्र में शपथपत्र देकर उन्होंने अपनी उम्र 42 साल बतायी थी. इस दफे यानि 2020 में उन्होंने फिर से नामांकन पत्र दाखिल किया है और इस दफे के शपथपत्र में उनकी उम्र फिर से 42 साल ही बतायी गयी है. यानि 5 साल में उनकी उम्र एक दिन भी नहीं बढ़ी.
कांग्रेस के राजेश कुमार 2 साल छोटे हुए
कुटुम्बा सीट से कांग्रेस के कैंडिडेट राजेश कुमार की उम्र में भी गड़बडझाला है. बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर उनकी जन्म तिथि 28 जनवरी 1967 है. इस लिहाज से उनकी उम्र हुई 53 साल 8 महीने. लेकिन चुनाव आयोग के दिये गये एफिडेविट में उन्होंने अपनी उम्र 51 साल बतायी है. यानि उनकी उम्र दो साल कम गयी.
बृजकिशोर विंद 7 साल बड़े हो गये
चैनपुर से बीजेपी विधायक वृजकिशोर बिंद चर्चा में रहते हैं. लेकिन उनकी उम्र का कारनामा अलग चर्चा का विषय है. बिंद 3 दफे से विधायक हैं. हमने बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर उनका डेट ऑफ बर्थ देखा. वहां उनकी जन्म तिथि 1 जनवरी 1966 लिखी गयी है. यानि उनकी उम्र हुई 54 साल 9 महीने. लेकिन इस साल यानि 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष जो शपथ पत्र दाखिल किया है उसमें अपनी आयु 61 साल बतायी है. यानि वे 7 साल बड़े हो गये.