51 साल बाद विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए होगी वोटिंग, RJD को विधायकों के अंतरात्मा के जागने की उम्मीद

51 साल बाद विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए होगी वोटिंग, RJD को विधायकों के अंतरात्मा के जागने की उम्मीद

PATNA : बिहार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए कल होने जा रही वोटिंग में आरजेडी को अपने संख्या बल का नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के विधायकों की अंतरात्मा के जागने का उम्मीद है. आरजेडी ने अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार उतारने के बाद महागठबंधन विधायक दल की बैठक की. उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए संख्या बल जुटता नहीं दिखा, लिहाजा अंतरात्मा जगाने की अपील कर दी गयी.


महागठबंधन विधायक दल की बैठक
राबड़ी आवास में आज महागठबंधन विधायक दल की बैठक हुई. आरजेडी के अलावा इसमें कांग्रेस और सीपीआई, सीपीएम के विधायक शामिल हुए. विधायकों की बैठक में ये तय किया गया कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में अपने उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी के पक्ष में मजबूती से वोट किया जायेगा. परिणाम चाहे जो हो, महागठबंधन अपना विरोध जतायेगा.


अंतरात्मा जागने की उम्मीद
महागठबंधन विधायक दल की बैठक के बाद राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि लोगों ने देखा है कि बिहार में अनैतिक तरीके से सरकार बनायी गयी है. ऐसे में महागठबंधन ने अवध बिहारी चौधरी को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाया है. अवध बिहारी चौधरी जनता के उम्मीदवार हैं. मनोज झा ने कहा कि महागठबंधन सभी पार्टियों के विधायकों से ये अपील करता है कि वे अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट दें. आरजेडी ने उम्मीद जतायी कि अवध बिहारी चौधरी चुनाव जीत जायेंगे.


बैठक से माले गायब
महागठबंधन विधायक दल की बैठक में माले के विधायक नहीं पहुंचे. माले की ओर से बताया कि उनके विधायक दल की बैठक पहले से ही इसी समय पर तय थी. लिहाजा महागठबंधन की बैठक में उसके विधायक शामिल नहीं हो सके.


51 साल बाद अध्यक्ष पद के लिए मतदान
बिहार विधानसभा में पिछले 51 सालों से सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव करने की परंपरा चली आ रही है. सत्ता में आने वाली पार्टी अपना उम्मीदवार देती है और उन्हें सर्वसम्मति से चुन लिया जाता है. सत्ताधारी एनडीए ने इस दफे बीजेपी के विजय कुमार सिन्हा को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है. लेकिन आरजेडी ने उनके खिलाफ अवध बिहारी चौधरी को उतार दिया है. आरजेडी दावा कर रही है कि उसके उम्मीदवार जीतेंगे लेकिन संख्या बल के हिसाब से उनका दावा सही नजर नहीं आ रही है.


बुधवार को मतदान
विधानसभा अध्यक्ष चुनने के लिए बुधवार को मतदान होगा. बिहार विधानसभा में एनडीए को बहुमत हासिल है. वहीं उसे एक निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह का भी समर्थन मिल रहा है. लिहाजा बीजेपी के उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा के जीतने पर कोई शक नहीं पैदा हो रहा है.


ओवैसी की पार्टी पर निगाहें
बिहार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में ओवैसी की पार्टी AIMIM के पांच विधायकों पर भी नजर रहेगी. ओवैसी की पार्टी ने अध्यक्ष के चुनाव को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. ओवैसी की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान ने कहा कि उनकी पार्टी भी अपना उम्मीदवार उतार सकती है. हालांकि विधानसभा की परंपरा रही है कि अध्यक्ष सत्ता पक्ष का होता है तो उपाध्यक्ष विपक्षी पार्टी का.