नीतीश सरकार के फैसले का विरोध शुरू, राज्यकर्मियों ने अनिवार्य सेवानिवृत्त के लिए गोलबंदी शुरू की

नीतीश सरकार के फैसले का विरोध शुरू, राज्यकर्मियों ने अनिवार्य सेवानिवृत्त के लिए गोलबंदी शुरू की

PATNA:  50 साल पार  के कर्मचारी को जबरन सेवाविवृत करने के फैसले का विरोध बिहार में शुरू हो गया है.  इसको लेकर शिक्षक संगठनों  सरकार से फैसले को वापस लेने की मांग की है. टीईटी-एसटीईटी के उत्तीर्ण शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंय पाठक ने कहा कि सरकार को जल्द इस आदेश को वापस लेने चाहिए. इसको लेकर शिक्षकों में आक्रोश है. 

बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के महासचिव भोला पासवान ने कहा कि 50 साल पूरा करने वाले सभी कर्मचारी को हटाया जाएगा. इस फैसले का हम विरोध करते हैं. इस आदेश के खिलाफ 27 जुलाई को सभी शिक्षक अपने दरवाजे पर इस आदेश के प्रति को जलाकर विरोध करें. वही, वामदलों ने भी इसका विरोध किया है. केंद्र सरकार पर भी हमला बोला. कहा कि केंद्र सरकार निजीकरण पर जोर दे रही है. जिसका हम विरोध करते हैं. 

हटाने का सरकार ने लिया फैसला

50 उम्र पार के कर्मचारी अगर काम करने में लापरवाही करते हैं तो बिहार सरकार उनको अनिवार्य सेवानिवृत करेगी. इसको लेकर तैयारी करने का निर्देश कई विभागों को दे दिया गया है. इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने दिशानिर्देश जारी कर दिया है. इसको लेकर सभी विभागों को हेड को इस संबंध में जरूरी कार्रवाई करने के लिए बोला गया है. कर्मचारियों की कामों की समीक्षा की जाएगी. इसके बाद रिपोर्ट तैयार किया जाएगा. 

तीन माह का दिया जाएगा वेतन

जो आदेश दिया गया है कि उसमें बताया गया है कि कम से कम तीन माह पूर्व सूचना और तीन माह के वेतन देकर 30 साल की सेवा या 50 साल पार करने वाले कर्मचारी को सेवानिवृत्ति की जा सकती है. इसके दायरे में समूह ‘क’- 5400 ग्रेड पे, समूह ‘ख’- 4200 ग्रेड पे वाले लेवल- 6,7 और 8 के सुपरवाईजरी और सचिवालय सेवा के अधिकारी और समूह ‘ग’- 1800 ग्रेड पे वाले लेवल-5 और 6 और उसके नीचे के एडडीसी-यूडीसी कर्मचारी को अनिवार्य सेवानिवृत किया जाएगा. इसके दायरे में बिहार सरकार के हजारों कर्मचारी आएंगे.