बिहार में 202 पुलिसवालों को हुआ कोरोना, दारोगा और इंस्पेक्टर समेत 5 पुलिसकर्मियों की मौत

बिहार में 202 पुलिसवालों को हुआ कोरोना, दारोगा और इंस्पेक्टर समेत 5 पुलिसकर्मियों की मौत

PATNA : बिहार में कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है. खाकी से लेकर खादी तक हर कोई इसकी चपेट में आ रहा है. चिंता की बात है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में मरनेवालों का आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ा है. बिहार में दारोगा और इंस्पेक्टर समेत 5 पुलिसकर्मियों की मौत से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. पुलिसवालों की सुरक्षा को देखते हुए बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने बीते दिन समीक्षा बैठक की और पुलिसकर्मियों को कोरोना महामारी से लड़ने और इससे बचने के लिए 10 बड़े दिशानिर्देश दिए. 


बिहार में कोरोना वायरस वैक्सीन का दोनों डोज लेने के बावजूद भी पुलिसवाले कोरोना के प्रकोप से नहीं बच पा रहे हैं. सूबे में इस साल 202 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. बीते दिनों दारोगा और इंस्पेक्टर समेत कुल 5 पुलिसकर्मियों की मौत कोरोना से हो गई. अभी भी कई डीएसपी रैंक के अधिकारी कोरोना से जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं. 


पुलिसवालों की जान की सुरक्षा और उनके इलाज की व्यवस्था को लेकर पुलिस एसोसिएशन काफी चिंतित है. पुलिस अधिकारियों के संगठन बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने सोमवार को बिहार के डीजीपी को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया. पुलिस एसोसिएशन का पत्र मिलते ही हरकत में आये डीजीपी एसके सिंघल ने देर शाम तक सीनियर पुलिसकर्मियों के साथ मीटिंग की और कई दिशानिर्देश दिए. 


बिहार पुलिस एसोसिएशन की ओर से पत्र लिखे जाने के बाद डीजीपी एसके सिंघल ने इस मसले पर संज्ञान लिया और पुलिसवालों के लिए नई एसओपी जारी कर दी. सभी पुलिसवालों को ड्यूटी पर मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया गया है. पुलिस दफ्तरों में अनावश्यक बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगाने की बात कही गई है. भीड़ को कम करने का निर्देश दिया गया है.


इसके अलावा पुलिस कार्यालओं में आने वाले बाहरी लोगों के लिए सेनेटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही किसी भी प्रकार का लक्षण आने पर पुलिसकर्मियों को सेल्फ क्वारंटीन होने का निर्देश दिया गया है. कोरोना पॉजिटिव पुलिसवालों के लिए अलग से मेस, शौचालय और पुलिस लाइन में रहने की व्यवस्था की जाएगी. 


यदि कोई पुलिस अधिकारी या कर्मी कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसे बेहतर इलाज मिलना चाहिए. उसके इलाज की जिम्मेदारी के लिए रेंज आईजी-डीआईजी को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है. वहीं पुलिस मुख्यालय के स्तर पर आईजी नोडल पदाधिकारी होंगे. उनके सहयोग के लिए डीआईजी, एआईजी और डीजी कंट्रोल रूम के डीएसपी की प्रतिनियुक्ति की गई है.


गौरतलब हो कि पुलिस अधिकारियों के संगठन बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने सोमवार को कहा है कि ये बड़ी अजीब स्थिति है कि कई बार फोन लगाने पर भी डीजीपी फोन नहीं उठा रहे हैं. मृत्युजंय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में बडे पैमाने पर पुलिसकर्मी कोरोना के शिकार बन रहे हैं. कम से कम तीन इंस्पेक्टर औऱ सब इंस्पेक्टर कोरोना के कारण मर चुके हैं. सैकडों पुलिसकर्मी बीमार हैं. पुलिसकर्मी अपनी पीड़ा डीजीपी को बताना चाहते हैं लेकिन डीजीपी फोन ही नहीं उठा रहे हैं.


बिहार पुलिस एसोसिएशन ने अब डीजीपी को व्हाट्सएप मैसेज भेजकर अपनी पीड़ा सुनायी है. एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि जब कोई रास्ता नहीं बचा तो उन्होंने व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा है. अपने मैसेज में उन्होंने लिखा है कि कोरोना योद्धा पुलिसकर्मी और उनके परिजनों पर कोरोना कहर बरप रहा है. लेकिन उन्हें इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है. लिहाजा उन्हें इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है. ऐसे में आपसे आग्रह है कि पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों के इलाज के लिए हॉस्पिटलों में कुछ बेड उपलब्ध कराया जाये.


एसोसिएशन के अध्यक्ष ने डीजीपी को मैसेज भेजा है कि आप बिहार के पुलिस प्रमुख हैं और सभी पुलिसकर्मियों के अभिभावक हैं. ऐसे में आपका कर्तव्य है कि इस संकट में पुलिस परिवार के सदस्यों के दुख को कम करें. कल मोतिहारी के दारोगा त्रिलोकि नाथ राय, विशेष शाखा के इंस्पेक्टर जयदेव भगत की अचानक मौत हो गई. आज सुबह 9:39 बजे आक्सीजन की कमी से किऊल जीआरपी इंस्पेक्टर राज किशोर प्रसाद की मृत्यु हो गई. इनके अलावा अन्य पुलिसकर्मी भी संक्रमित हैं.