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1st Bihar Published by: FIRST BIHAR EXCLUSIVE Updated Thu, 28 Nov 2024 07:23:08 PM IST
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PATNA: बिहार के दो सरकारी हाई स्कूल को बिल्डिंग समेत बेच डाला गया. सरकारी स्कूल की खरीद बिक्री की रजिस्ट्री हो गयी. उसके बाद अंचलाधिकारी यानि सीओ ने उस जमीन का दाखिल-खारिज कर दिया और फिर उसका जमाबंदी भी कर दिया. यानि बिल्डिंग समेत सरकारी स्कूल को माफियाओं को सौंप दिया. मामला आज विधानसभा में उठा.
डीएम की रिपोर्ट के बावजूद कार्रवाई नहीं
मामला पूर्वी चंपारण जिले का है. इस जिले में दो सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय यानि 12वीं तक की पढ़ाई वाले स्कूल को सीओ ने निजी जमीन के तौर पर दाखिल खारिज से लेकर जमाबंदी भी कर दी. विधानसभा में आज बीजेपी के विधायक पवन जायसवाल ने ये सवाल उठाया. ढाका से विधायक पवन जायसवाल ने सदन में कहा कि उनके क्षेत्र के दो सरकारी स्कूल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फुलवरिया और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पचपकड़ी की जमीन और बिल्डिंग को सीओ ने निजी व्यक्ति के नाम पर दाखिल खारिज कर जमाबंदी कर दिया.
पवन जायसवाल ने कहा कि पूर्वी चंपारण के डीएम ने इस मामले की जांच की थी और रिपोर्ट सरकार के पास भेजी थी. इसमें इस हेराफेरी को स्वीकार किया गया था. इसके बावजूद सरकार ने संबंधित सीओ के साथ साथ अंचल निरीक्षक और राजस्व कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं की है.
लेट से मंत्री बना इसलिए कार्रवाई नहीं हुई
इस सवाल का जवाब देने उठे राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि उन्हें मंत्री बनने में देर हुई इसलिए अब तक कार्रवाई नहीं हुई. मंत्री ने कहा कि ये मामला उनकी नोटिस में आया है, अब इस मामले में एक महीने के भीतर जितने भी दोषी अधिकारी-कर्मचारी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
विधानसभा में ही बिहार में दाखिल खारिज और जमाबंदी के मामलों के निपटारे में देरी को लेकर उठे एक दूसरे सवाल के जवाब में मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि जमीन सर्वे और दाखिल-खारिज से संबंधित प्रक्रिया में गड़बड़ करने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया गया है. दिल्पी जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने 139 सीओ का वेतन रोक दिया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पदाधिकारी नहीं सुधरे, तो उन्हें सुधारने के लिए आगे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मंत्री दिलीप जायसवाल ने गुरुवार को सदन में कहा कि सुस्त अंचलाधिकारियों की सूची तैयार कर ली गई है. विभाग की ओर से अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारियों की जांच के बाद नए सिरे से एक्शन लिया जाएगा.