PATNA : बिहार के उत्तरी इलाकों में एक बार फिर से चमकी बुखार ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में अब तक 10 बच्चों की मौत हो गई है. रविवार को चमकी बुखार से पीड़ित 5 साल की सलोनी भी जिंदगी से जंग हार गई. सलोनी की सांसें टूट गईं. एसकेएमसीएच में भर्ती तीन अन्य बच्चों में भी चमकी बुखार की पुष्टि की गई है.
रविवार को जिस बच्ची की मौत हुई, उसका नाम सलोनी है. वह महज पांच साल की थी. मोतिहारी जिले में पकरीदयाल अनुमंडल के मझौलिया की रहने वाली सलोनी को एसकेएमसीएच में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ बीएस झा ने बताया कि "सलोनी को एईएस से पीड़ित होने का संदेह था. इससे पहले 15 जुलाई को सीतामढ़ी जिले के बाजपट्टी प्रखंड की इशिका कुमारी नाम की ढाई साल की बच्ची की चमकी बुुखार से मौत हो गई थी. इशिका को 14 जुलाई को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था. हालांकि डॉक्टरों ने बहुत कोशिश की, लेकिन वह बच नहीं सकी. उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद उसे एक निजी अस्पताल से एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया था."
गौरतलब हो कि इस साल जनवरी से अब तक एसकेएमसीएच में एईएस के 41 मामले सामने आए, जिसमें से 10 बच्चे-बच्चियों की मौत हो चुकी है. पीड़ित मुजफ्फरपुर, वैशाली, शिवहर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिले के रहने वाले थे. शिशु रोग विभाग के हेड डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि वैशाली जिले के चैनपुर के अदरिजा चौहान (11 माह) और पुपरी की अर्तिका कुमारी (12 माह) में एइएस की पुष्टि हुई है. उधर, सकरा के सादिया खातून (छह महीने), मोतिहारी की प्रियंका कुमारी (4 साल) और मनियारी की अनुप्रिया की रिपोर्ट नहीं आयी है. सभी का इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि सोनल कुमारी को जूरन छपरा के एक निजी अस्पताल से रेफर किया गया था.
एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ बीएस झा के अनुसार अस्पताल में एईएस के 5 पुष्ट और चार संदिग्ध मामले हैं. इनमें से तीन मरीजों को पीआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है. डॉक्टर झा के मुताबिक बढ़े तापमान, आर्द्रता और कुपोषण के कारण क्षेत्र में चमकी बुखार के मामलों में अचानक बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने ये भी कहा कि रविवार को हुई भारी बारिश के कारण हमें उम्मीद है कि मामलों में काफी कमी आने की संभावना है.