PATNA : पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन के बाद राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर देखने को मिल रही है। शरद यादव के साथ काम कर चुके राजनेताओं या फिर उनके राजनीतिक विरोधी हर कोई उनके निधन पर अपनी शोक संवेदना जता रहा है। बिहार में 14 जनवरी को सियासी मकर संक्रांति का दिन है और आरजेडी से लेकर जेडीयू तक के खेमे में दही चूड़ा भोज का आयोजन किया गया है । लेकिन, अब शरद यादव के निधन के बाद इस पर ग्रहण लग गया है और माना जा रहा है कि आरजेडी और जेडीयू की तरफ से बुलाया गया दही चुडा भोज रद्द कर दिया जाएगा।
14 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर दही चुडा भोज का आयोजन किया गया है। आरजेडी की तरफ से किए गए इस मकर संक्रांति भोज को लेकर आज ही कोई निर्णय सामने आ सकता है। वहीं, जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी कल यानी 14 जनवरी को अपने आवास पर मकर संक्रांति भोज का आयोजन किया है। लेकिन, इस पर भी ग्रहण लगता दिख रहा है। हालांकि अधिकारिक तौर पर अब तक भोज रद्द किए जाने की कोई जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन, राजनीतिक सॉक्ड की वजह से इसे तय माना जा रहा है।
बता दें कि, पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी नेता शरद यादव का निधन हो गया है। गुरूवार की रात दिल्ली के एक निजी अस्पताल में शरद यादव का निधन हो गया है।उनकी बेटी ने फेसबुक पोस्ट के जरिये शरद यादव के निधन की जानकारी दी है। शरद यादव राजद और जेडीयू दोनों के बेहद करीबी रहे हैं। ये जेडीयू के अंदर राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर भी रहे चुके थे। इसके आलावा इन्होंने लालू को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने में भी काफी अग्रणी भूमिका निभाई थी। यह महज एक सुखद संयोग ही है कि बीते रात जब वो अपनी अंतिम सांस लें रहे थे तो लालू और नीतीश बिहार एकसाथ सरकार चला रहे हैं।
गौरतलब हो कि, लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद पहली बार तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद के तरफ से राबडियावास पर दही चुरा भोज का आयोजन करवाया जा रहा था। इस भोज में कई राजनीतिक दिग्गजों के जुटने की भी बात कही जा रही थी। वहीं दूसरी तरफ वहीं दूसरी तरफ यह पहली बार था जब जदयू के तरफ से उपेंद्र कुशवाहा में दही चुरा भोज की जिम्मेदारी ली थी उन्होंने भी इस दही चुरा भोज को लेकर सारी तैयारियां कर ली थी यहां तक कि उनके तरफ से सभी आगंतुकों के पास निमंत्रण कार्ड तक भेज दिया गया था लेकिन अब शरद यादव के निधन के बाद इस आयोजन पर रोक लगना लगभग तय माना जा रहा है।