बिहार के सारे स्कूल 8 जून तक बंद : सैकड़ों बच्चों के बेहोश होने के बाद भी सरकार में चल रहा ड्रामा : केके पाठक के विभाग ने नहीं निकाला आदेश

बिहार के सारे स्कूल 8 जून तक बंद : सैकड़ों बच्चों के बेहोश होने के बाद भी सरकार में चल रहा ड्रामा : केके पाठक के विभाग ने नहीं निकाला आदेश

PATNA : भीषणतम गर्मी और भयानक लू से बिहार के सरकारी स्कूलों के लाखों बच्चों की जान पर आफत आने के बावजूद सरकार में ड्रामा चलता रहा। बुधवार को बिहार के कई जिलों में सरकारी स्कूलों के सैकड़ों बच्चे भीषण गर्मी के कारण बेहोश हो गये। इसके बाद मुख्यमंत्री ने स्कूल बंद करने का आदेश दे दिया। मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को पीत पत्र भेजा है। लेकिन केके पाठक के शिक्षा विभाग ने स्कूल बंद करने का आदेश नहीं निकाला। आखिरकार मुख्य सचिव को सारे डीएम को पत्र लिख कर ये कहना पड़ा कि वे अपने जिले के सारे स्कूलों को 8 जून तक बंद करायें। 


सरकार में ड्रामा

बता दें कि बिहार में जब गर्मी कम थी तो शिक्षा विभाग ने स्कूलों में गर्मी छुट्टी कर दी। 15 मई से स्कूल खोल दिया गया। केके पाठक की ओर से आदेश जारी किया गया कि सारे सरकारी स्कूल सुबह के 6 बजे से 12 बजे दिन तक चलेंगे। पिछले तीन दिनों में बिहार में भीषण गर्मी और भयंकर लू चल रही है। इसका नतीजा यह हुआ कि बुधवार को बिहार के कई जिलों में सरकारी स्कूलों के सैकड़ों बच्चे बेहोश हो गये। 


इन वाकयों के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यालय की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी गयी कि मुख्यमंत्री ने सारे स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। लेकिन उसी दौरान शिक्षा विभाग ने एक नया पत्र निकाल दिया। केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने आदेश निकाला कि स्कूल बंद नहीं होंगे, बल्कि कक्षा-1 से 8 तक के स्कूल सुबह 6 बजे से 10 बजे तक चलेंगे। बाकी क्लास 12 बजे दिन तक चलते रहेंगे। 


मुख्य सचिव को डीएम को पत्र लिखना पड़ा

इस बीच इस मामले में बिहार के मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा की एंट्री होती है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को पीत पत्र भेजा। पीत पत्र का मतलब होता है कि सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी पत्र। इसमें कहा गया कि बिहार में भीषण गर्मी पड़ रही है और मौसम विभाग ने बताया है कि 8 जून तक यही स्थिति बनी रहेगी। लिहाजा सारे स्कूलों को 8 जून तक बंद कर दिया जाये। लेकिन शिक्षा विभाग ने मुख्य सचिव के पीत पत्र के बावजूद स्कूल बंद करने का कोई आदेश जारी नहीं किया।


इसके बाद मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बिहार के सारे डीएम को पत्र लिखा। सारे जिलाधिकारियों को लिखे गये पत्र में मुख्य सचिव ने कहा कि वे सुनिश्चित करें कि बिहार के सारे सरकारी और निजी स्कूलों को 8 जून तक बंद रखा जाए। ताकि बच्चों को भीषण गर्मी के प्रकोप से बचाया जा सके। मुख्य सचिव ने सारे आंगनबाड़ी केंद्रों को भी 8 जून तक बंद रखने का निर्देश दिया है।


क्या डीएम जारी करेंगे आदेश?

वैसे शक इस बात पर भी है कि क्या बिहार के डीएम स्कूल बंद करने के आदेश को मानेंगे? दरअसल इसी साल जब कड़ाके की शीतलहर चली थी तब कई जिलों में डीएम ने स्कूल बंद करने का आदेश दिया था। इसके बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पत्र लिखकर जिलाधिकारियों को हड़काया था। केके पाठक ने कहा था कि जिलाधिकारियों को स्कूल बंद कराने का कोई अधिकार नहीं है। वे स्कूल बंद करने का जो आदेश जारी कर रहे हैं, वह गैरकानूनी है। केके पाठक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे डीएम के आदेश को नहीं मानते हुए स्कूलों को चालू करायें। ऐसे में अब डीएम स्कूल बंद करने का आदेश देंगे, इस पर भी शक है। 


इन ड्रामो के बीच बिहार में सरकारी स्कूलों के बच्चों पर भीषण गर्मी और लू का कहर बरप रहा है। राज्य के कई जिलों में सैकड़ों स्कूली बच्चे बेहोश हो गये। कई की हालत तो बेहद खराब है। दरअसल, बच्चों के सामने समस्या है कि अगर वे स्कूल नहीं जायेंगे तो उन्हें स्कूल से निकाल दिया जायेगा। केके पाठक ने आदेश दे रखा है कि जो बच्चे स्कूल नहीं आय़ें, उनका नामांकन रद्द कर दिया जाये। 


बुधवार को भीषण गर्मी, लू और उमस के कारण बिहार के सरकारी स्कूलों में बुधवार को 100 से ज्यादा छात्र-छात्राएं बीमार हो गए। इनमें से कई तो बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। इससे स्कूलों में अफरातफरी मच गई। कई जगह तो शिक्षक और अन्य कर्मचारी भी हीट स्ट्रोक से बेहोश हो गए। अभिभावकों में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है। 


बिहार के शेखपुरा जिले के मनकोल हाई स्कूल में एक के बाद एक कई छात्राएं बेहोश होकर गिरने लगीं। यह नजारा देखकर शिक्षकों के भी हाथ-पैर फूल गए। सूचना मिलने पर पहुंचे ग्रामीणों ने बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया।  वहां करीब 50 छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई है। इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने सड़क जाम कर केके पाठक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। चिकित्सकों का कहना है कि उमस वाली भीषण गर्मी और खाली पेट स्कूल आने की वजह से बच्चों की तबीयत बिगड़ रही है।


वहीं, मुंगेर जिला के धरहरा प्रखंड के तीन स्कूलों मे बुधवार को भीषण गर्मी से एक दर्जन से अधिक छात्र बेहोश हो गए। कन्या मध्य विद्यालय अमारी के एचएम प्रभात कुमार रश्मि ने मीडिया को बताया कि क्लास 8 के सजन कुमार, आदित्य कुमार, धीरज कुमार, शिवम कुमार, अंकुश और राजवीर अत्यधिक गर्मी की वजह से अचानक बेहोश हो गए। वहीं, मध्य विद्यालय हेमजापुर क्लास 4 का छात्र मनीष कुमार प्रार्थना के दौरान ही बेहोश हो गया। हाई स्कूल हेमजापुर मे परीक्षा के दौरान एक छात्रा के साथ-साथ शिक्षक धर्मेंद्र कुमार भी बेहोश हो गए। मुंगेर के ही उर्दू मध्य विद्यालय सुजावलपुर में कक्षा 8 में पढ़ने वाली छात्रा एलिजा परवीन बेहोश हो गयी।


बेगूसराय में मटिहानी मध्य विद्यालय में गर्मी के कारण एक दर्जन से ज्यादा छात्राएं बेहोश हो गईं। बेहोशी की हालात में इन छात्राओं को इलाज के लिए मटिहानी पीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां सभी छात्राओं का इलाज चल रहा है। मध्य विद्यालय मटिहानी और साहेबपुर कमाल के अच्छेचक मुसेचक के साथ साथ  बलिया के कई विद्यालयों के बच्चे भीषण तू-लहर के चपेट में आने के कारण बेहोश हो गए हैं। वहां क्लास 7 की एक छात्रा की नाक से खून निकल रहा था।