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13-Aug-2021 07:33 AM
MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर जिले में बैंक जालसाजी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. अब तक साइबर अपराधियों की कारस्तानी से बैंक अकाउंट होल्डर परेशान रहते थे. लेकिन अब बैंक एंप्लोई ही इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं. ताजा मामला मुजफ्फरपुर स्थित पीएनबी की एक शाखा से जुड़ा है. यहां ग्राहकों के बैंक अकाउंट से लिंक मोबाइल नंबर का डुप्लीकेट सिम तैयार कर खाते से पैसे उड़ाने वाले साइबर फ्रॉड गिरोह के आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हैरत की बात यह है कि इस गिरोह में पंजाब नेशनल बैंक के साइंस कॉलेज शाखा में काम करने वाला कैशियर नितेश भी शामिल है. जबकि मुजफ्फरपुर के भगवानपुर, समस्तीपुर और बेला से अन्य पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है.
दरअसल इस मामले की जांच उस वक्त शुरू हुई, जब पंजाब नेशनल बैंक जवाहरलाल रोड शाखा के एक ग्राहक रामदेव राय के खाते से 22 लाख रुपए की निकासी जून महीने में हो गई. रामदेव राय ने नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. इसके बाद जांच में परत दर परत तक कई खुलासे हुए. मामला बहुत बड़ा निकला और अब तक के इस गिरोह ने कई लोगों के खाते से तीन करोड़ से ज्यादा की रकम निकाल ली है.
पुलिस के मुताबिक जिससे कैशियर को गिरफ्तार किया गया है. उसने बैंक के खाताधारकों का डिटेल गिरोह के अन्य अपराधियों तक पहुंचाया. फिर मोबाइल नंबर का डुप्लीकेट सिम कार्ड बनाया गया और तब असली खेल शुरू होता था. मोबाइल नंबर के आधार पर फर्जी आधार कार्ड तैयार कर आना और उसके जरिए ग्राहक के वास्तविक मोबाइल नंबर को दूसरे फर्जी नंबर पर पोर्ट करा लिया जाता था और छोड़ने के बाद ग्राहकों के खाते की सारी डिटेल नए नंबर पड़ जाती थी. इस तरह ग्राहक अनजान रह जाते थे और उनके खाते से सारी रात निकाल ली जाती थी.
पुलिस ने जब तक अपनी जांच की तो उसे बैंक के ग्राहकों के खाते से इस साल लगभग 3 करोड़ से अधिक की रकम की अवैध निकासी के बारे में मालूम पड़ा. पंजाब नेशनल बैंक के कैशियर के साथ-साथ बीएसएनल का एक फ्रेंचाइजी लेने वाला तक भी गिरफ्तार किया गया है. शाहबाजपुर का रहने वाला प्रभात रंजन इस गिरोह का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. नेटवर्क के अन्य सदस्य पटना, दिल्ली, समस्तीपुर और कोलकाता में बैठे हुए हैं.