Bihar News: बिहार में फिल्म शूटिंग पर ग्रहण! 32 डीएम ने नहीं बताया स्पॉट; बड़ी लापरवाही उजागर Success Story: बिहार की ज्ञानी कुमारी को गूगल में मिली लाखों की जॉब, जानिए... कैसे मिली सफलता? Indian Army School: अपने बच्चों को बनाना चाहते हैं सेना में अफसर? इस स्कूल से बेहतर नहीं है कोई और विकल्प Bihar News: जांच रिपोर्ट के बाद वेतन की होगी वसूली...SP ने RTI से दी जानकारी, सिपाहियों के संघ के 'नेता' का फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर फरार रहने का हुआ था खुलासा Indian Army School: NDA में सफलता का मंत्र है सैनिक स्कूल! जानिए कैसे होता है बच्चों का ट्रांसफॉर्मेशन Gandak River Bridge: बिहार से यूपी अब कुछ मिनटों में! 4000 करोड़ का पुल बदल देगा सफर की तस्वीर! Terrorist To President: कैसे मोस्ट वांटेड आतंकी बन गया एक देश का राष्ट्रपति, कभी सिर पर था 85 करोड़ का इनाम Bihar Assembly Election 2025: पटना में चुनाव आयोग की हाईलेवल मीटिंग....इन दो जिलों का दौरा करेगी टीम Bihar Crime News: मुजफ्फरपुर में हत्याओं का सिलसिला जारी, एक और कांड के बाद NH-28 जाम Career growth: ऑफिस में चाहिए प्रमोशन? ये बातें आज ही अपनाइए वरना पछताएंगे!
1st Bihar Published by: Updated Mon, 03 May 2021 07:34:57 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार के मधेपुरा के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती दर्जनों कोरोना मरीजों को अनशन पर बैठ जाना. सरकार के इस कोरोना अस्पताल में मरीजों को बंद करके छोड़ दिया गया है. ना इलाज की व्यवस्था है औऱ ना दवा की. गंदगी इतनी कि नर्क भी बेहतर साबित हो. बेचैन तड़पते मरीजों ने जब अस्पताल अधीक्षक को फोन किया तो जवाब मिला- “इतना मारेंगे कि तुम लोगों को इलाजे कराना भूतला देंगे”. जी हां ये बिहार सरकार है.
मधेपुरा के उदाकिशुनगंज अनुमंडल अस्पताल का हाल
मधेपुरा के उदाकिशुनगंज अनुमंडल अस्पताल में सरकार ने कोविड वार्ड बनाया है. वहां कोरोना के 15 मरीज भर्ती हैं. सोमवार को ये सारे मरीज अनशन पर बैठ गये. उन्हें लगा कि नर्क से भी बदतर कोविड वार्ड में जब मरना ही है तो अनशन करके ही मरा जाये. जब मरीज अनशन पर बैठे औऱ खबर फैलने लगी तो जिला प्रशासन को होश आया. DDC ने मरीजों से फोन पर बात की है, उन्हें सारी सुविधायें दिलाने का भरोसा दिया. तब जाकर अनशन समाप्त किया गया.
नर्क से भी बदतर अस्पताल
उदाकिशुनगंज के कोविड अस्पताल में भर्ती मरीजों ने बताया कि उन्हें 10 दिनों से बंद करके छोड दिया गया है. 10 दिन में एक दफे भी कोविड वार्ड की सफाई नहीं हुई. जब से कोविड अस्पताल बना तब से बेडशीट नहीं बदला गया. उनके आने से पहले जो मरीज भर्ती थे उनके जाने के बाद भी बेडशीट नहीं बदला गया. अस्पताल के कर्मचारियों से गुहार लगायी गयी तो कहा कि घर से बेडशीट लेकर क्यों नहीं आये. सरकार ने बेडशीट बदलने या धुलने का पैसा नहीं दिया है.
इतना मारेंगे की इलाजे भूतला जाओगे
सोमवार को अनशन पर बैठे मरीजों ने कहा कि उन्होंने अस्पताल की बदहाली को लेकर सबसे पहले बिहार सरकार द्वारा जारी किये गये टॉल फ्री नंबर पर बात की. स्वास्थ्य विभाग के टॉल फ्री नंबर 1070 पर बात करने के बाद उन्हें अस्पताल के अधीक्षक का मोबाइल नंबर 9470003428 दिया गया. दो दिन पहले उस नंबर पर कॉल किया गया तो ये आश्वासन मिला की साफ सफाई की जायेगी, बेडशीट भी बदला जायेगा. लेकिन दो दिनों में कुछ नहीं हुआ. इसके बाद सोमवार को मरीजों ने फिर से अधीक्षक के मोबाइल पर कॉल किया. जवाब मिला- “तुम सब का मोबाइल छीन लेंगे औऱ जब्त कर लेंगे. फिर इतना मारेंगे कि तुम लोगों को इलाजे कराना भूतला देंगे.” अधीक्षक से गाली सुनने के बाद ही कोरोना पेशेंट आक्रोशित हुए औऱ अनशन पर बैठ गये.
मरीजों की जांच तक नहीं हो रही
उदाकिशुनगंज के कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों की RT-PCR जांच तक नहीं हो रही है. जिन्हें भर्ती हुए कई दिन हो गये औऱ उनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं है उनकी भी जांच नहीं करायी जा रही है. हां, जिनका सेटिंग है उनकी जांच जरूर हो जा रही है. कई मरीजों की जांच रिपोर्ट 4 दिन में आ गयी.
इस बाबत पूछे जाने पर अस्पताल के प्रभारी डॉ आईबी कुमार ने कहा कि कोरोना मरीजों की परेशानियों को दूर कर दिया गया है. स्वास्थ्य कर्मियों को फटकार भी लगायी गयी है. प्रभारी ने कहा कि एक व्यक्ति ने लैब टेक्नीशियन से मिलकर अपनी RT-PCR जांच करा ली थी. उस टेक्नीशियन से शो कॉज पूछा गया है.