PATNA : बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी और नीरज कुमार आज से पूर्व विधान पार्षद हो जायेंगे. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारूण रशीद भी आज से विधान परिषद के माननीय सदस्य नहीं रह जायेंगे. बिहार विधान परिषद के कुल 17 सदस्यों का कार्यकाल आज समाप्त हो जायेगा. कोरोना संकट ने उनसे माननीय की पदवी छीन ली है.
दो मंत्री नहीं होंगे किसी सदन के सदस्य, सभापति की कुर्सी भी होगी खाली
बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी और नीरज कुमार समेत बिहार के 17 विधान पार्षदों का कार्यकाल आज समाप्त हो जायेगा. हालांकि किसी सदन के सदस्य न रहने के बाद भी नीरज कुमार और अशोक चौधरी मंत्री बने रहेंगे. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 के तहत कोई व्यक्ति किसी सदन का सदस्य न रहने के बावजूद 6 महीने तक मंत्री पद पर बना रह सकता है. हालांकि इस अवधि में उसे किसी सदन का सदस्य बनना होगा. 6 महीने में किसी सदन का सदस्य नहीं बनने पर मंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है. संविधान की इस व्यवस्था के तहत नीरज कुमार और अशोक चौधरी मंत्री पद पर बने रहेंगे. हालांकि विधान पार्षद के तौर पर मिलने वाली सुविधायें नहीं मिलेंगी.
खाली हो जायेगी सभापति की कुर्सी
बिहार विधान परिषद के सभापति की कुर्सी भी आज खाली हो जायेगी. कार्यकारी सभापति हारूण रशीद का कार्यकाल भी आज समाप्त हो रहा है. मई 2017 से कार्यकारी सभापति की कुर्सी संभाल रहे हारूण रसीद विधान पार्षद नहीं रहने के कारण सभापति भी नहीं रह पायेंगे. सरकार ने अगर आज ही कार्यकारी सभापति या उप सभापति के पद पर किसी का मनोनयन नहीं किया गया तो दोनों पद खाली हो जाएंगे. विधान परिषद के इतिहास में यह तीसरा अवसर होगा जब सदन के प्रमुख का पद खाली रहेगा. इससे पहले सात मई 1980 से 13 जून 1980 एवं 13 जनवरी 1985 से 17 जनवरी 1985 तक सभापति और उप सभापति की कुर्सी खाली रही थी. संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक विधान परिषद के सभापति और उप सभापति की कुर्सी खाली रहने पर दोनों की शक्तियां राज्यपाल में निहित हो जाती हैं.
कोरोना संकट के कारण टला चुनाव
दरअसल विधान परिषद की खाली होने वाली 17 सीटों में आठ सीटें शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की हैं. बाकी नौ सदस्य विधान सभा कोटे की हैं यानि विधायकों के वोट से MLC को चुना गया था. इन सारी सीटों पर अप्रैल में ही चुनाव करा लेना था. लेकिन कोरोना संकट और लॉकडाउन की पाबंदियों के कारण चुनाव आयोग ने तीन अप्रैल को ही इन सीटों के लिए मतदान कराने से इंकार कर दिया था. संकट ये भी है कि 23 मई को राज्यपाल द्वारा मनोनीत 12 सीटें भी खाली हो जायेंगी. हालांकि इसमें किसी चुनाव की बाध्यता नहीं है. लिहाजा राज्यपाल विधान पार्षदों का मनोनयन कर सकते हैं.
आज इन विधान पार्षदों का कार्यकाल हो रहा है समाप्त
आज बिहार विधान परिषद के इन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से पटना से नीरज कुमार, तिरहुत से देवेश चंद्र ठाकुर, दरभंगा से दिलीप चौधरी और कोसी से एन के यादव. वहीं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से पटना से चुने गये नवल किशोर यादव, तिरहुत से चुने गये संजय कुमार सिंह, दरभंगा से चुने गये मदन मोहन झा और सारण से चुने गये केदारनाथ पांडेय का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है.
विधानसभा से चुने गये इन MLC का कार्यकाल हो रहा है समाप्त
वहीं, विधान सभा कोटे से चुने गये जेडीयू के अशोक चौधरी, हारूण रशीद, पीके शाही, सतीश कुमार, सोनेलाल मेहता और हीरा प्रसाद बिंद के साथ साथ बीजेपी के कृष्ण कुमार सिंह, संजय मयूख और राधामोहन शर्मा का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है.