PATNA : बिहार के अंदर बड़ी तादाद में लोग दूषित और जहरीला पानी पी रहे हैं। सरकार के लाख दावों के बावजूद पानी की टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी भी नहीं की जा पा रही। यह मामला आज बिहार विधान परिषद में उठा तो सरकार को जवाब नहीं सूझा। विधान परिषद में आज राज्य के अंदर आर्सेनिक युक्त और टीडीएस बढ़े हुए पानी का मामला उठा। आरजेडी के विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह ने इस मसले पर सरकार को घेरा। सुनील कुमार सिंह ने सरकार से यह जानना चाहा कि आखिर सरकार के पास गांवों में पानी की टेस्टिंग को लेकर क्या सिस्टम है।
सरकार की तरफ से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे इसका जवाब दे रहे थे। मंगल पांडे ने कहा कि समय-समय पर टेस्टिंग का काम किया जाता है। इसके लिए पीएचडी डिपार्टमेंट भी अपने स्तर पर पहल करता है। हालांकि उन्होंने यह जरूर स्वीकार किया कि राज्य में बड़े स्तर पर आर्सेनिक युक्त और टीडीएस वाला पानी लोग पी रहे हैं।
आरजेडी के विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह ने सदन में दूषित पानी को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य के करीब सभी पंचायतों में गलत तरीके से शुद्ध पानी के नाम पर लोगों को दूषित पानी बेचा जा रहा है। इससे राजस्व की क्षति हो रही हो वो तो अलग बात है लेकिन लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। उन्होंने सरकार से पूछा कि जो पानी बेचा जा रहा है उसका टीडीएस कितना होना चाहिए और इसकी जांच हो रही है या नहीं।
इसपर सरकार की तरफ से जवाब देते हुए कहा कि FSSI के निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें अगर कहीं से ऐसी सूचना मिलती है कि लोगों को शुद्ध पानी के नाम पर दूषित पानी बेचा जा रहा है तो निश्चित तौर पर सरकार इसकी जांच कराएगी। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष के पास इस तरह की कोई जानकारी है तो वे उपलब्ध कराएं, इसकी तत्काल जांच कराई जाएगी।