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बिहार के जातिगत जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका: राज्य सरकार पर संविधान के उल्लंघन और जातीय दुर्भावना फैलाने का आरोप

1st Bihar Published by: Updated Tue, 10 Jan 2023 09:25:58 PM IST

बिहार के जातिगत जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका: राज्य सरकार पर संविधान के उल्लंघन और जातीय दुर्भावना फैलाने का आरोप

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DELHI: बिहार में शुरू हुए जातिगत जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. याचिका में कहा गया है कि बिहार सरकार न सिर्फ भारतीय संविधान का उल्लंघन कर जातिगत जनगणना करा रही है बल्कि जातीय दुर्भावना पैदा करने की भी कोशिश कर रही है. कोर्ट से बिहार के जातिगत जनगणना पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गयी है।


सुप्रीम कोर्ट में ये जनहित याचिका बिहार के नालंदा के निवासी अखिलेश कुमार ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि जनगणना कानून के तहत सिर्फ केंद्र सरकार ही देश में जनगणना करा सकती है. इसके लिए नियम बनाये गये हैं जिसके तहत जनगणना करायी जायेगी. राज्य सरकार को जनगणना कराने का अधिकार ही नहीं है. ऐसे में बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का आदेश जारी कर संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है।


सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि सरकार किसी व्यक्ति की जाति औऱ धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं कर सकती है. भारतीय संविधान की कई धाराओं में स्पष्ट तौर पर ये बातें कहीं गयी हैं. संविधान में ये भी कहा गया है कि किसी जाति को ध्यान में रख कर कोई नीति या पॉलिसी नहीं बनायी जा सकती है।


कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि भारतीय संविधान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कार्यों का बंटवारा किया गया है. इसमें राज्यों के जिम्मे जनगणना कराने का अधिकार नहीं दिया गया है. भारतीय संविधान में जातिगत भेदभाव खत्म करने पर जोर दिया गया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई आदेश में ये साफ कहा है कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिये जिससे समाज में जातिगत या धार्मिक भेदभाव बढ़े।