बिहार के जेलों में कैदी कर रहे कंपटीशन की तैयारी, ऑनलाइन चलती है क्लास

बिहार के जेलों में कैदी कर रहे कंपटीशन की तैयारी, ऑनलाइन चलती है क्लास

BANKA : अपने अक्सर सुना होगा कि कोई गलत काम करोगे तो जेल जाना होगा। जेल की रोटी खानी होगी और जेल का खिचड़ी खाना होगा। लेकिन कभी भी यह बात नहीं सामने आई थी की जेल के अंदर पढ़ाई भी करना होगा। लेकिन अब बिहार में ऐसा जेल भी है जहां कैदियों को ऑनलाइन क्लास दिलवाई जाती है। इतना ही नहीं बल्कि उन्हें ऑनलाइन कंपटीशन की तैयारी भी करवाई जाती है और इसमें देश के बड़े शिक्षक के जरिए कैदियों को ऑनलाइन क्लास दिलवाई जाती है।


दरअसल, बिहार राज्य के मंडल कारा बांका देश का पहला कारा बना जहां बंदियों के लिए डिजिटल साक्षरता अभियान शुरू किया गया। जहां अबतक करीब 500 बंदियों को डिजिटल रूप से साक्षर किया जा चुका है। इसके अलावा जेल में साक्षरता अभियान के तहत निरक्षर बंदियों को साक्षर किया गया जा रहा है। 


इसके अलावा साथ ही किशोर बंदियों को प्रारंभिक, माध्यमिक शिक्षा के साथ नैतिक एवं व्यक्तित्व विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एनआईओएस के माध्यम से काराधीन बंदियों को माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक में नामांकन लिया जा रहा है। जिसकी परीक्षा अक्टूबर-नवंबर 2023 में आयोजित की जानी है प्रशिक्षित बंदियों द्वारा बांका जेल में प्रतिदिन सुबह प्रार्थना, योगा, व्यायाम एवं पीटी करायी जाती है।


इसके साथ ही कौशल प्रशिक्षण के तहत यूकोआरसेटी, कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा समय-समय पर बकरी पालन, मुर्गी पालन, पशु पालन, अगरबत्ती निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावे टूरिज्म मैनेजमेंट कोर्स की भी कई बंदियों को शिक्षा दी जा रही है।


उधर , इस संबंध में जब बांका जेल के अधीक्षक सुजीत कुमार राय से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि - जेल में चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रम बंदियों में बदलाव को नया आयाम दे रहे है। राज्य में पहली बार जेल में बांका से स्मार्ट क्लास की शुरुआत हुई है। वैज्ञानिक अनुसंधान भी इस बात को मानता है कि देखी हुई चीजें ज्यादा याद रहती हैं। जेल में ख्यातिप्राप्त शिक्षकों को बाहर से बुलाना तो संभव नहीं है, लेकिन इन शिक्षकों के ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन के माध्यम से बंदियों को शिक्षा दी जा सकती है। इसके लिए प्रतिष्ठित शिक्षकों से भी संपर्क किया जा रहा है।