SIWAN: बिहार के एक मेडिकल कॉलेज में नामांकन में भारी फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। मामला सीवान के दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज का है। यहां बिना नीट की परीक्षा पास किए ही 29 छात्र-छात्राओं का एडमिशन हो गया। सभी छात्र-छात्राओं का एडमिशन बीएएमएस कोर्स के लिए हुआ है। मामला संज्ञान में आने के बाद राजभवन की तीन सदस्यों की टीम बुधवार को सीवान स्थित दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज पहुंची और पूरे मामले की छानबीन की।
पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रजापति त्रिपाठी पर गंभीर आरोप लगे हैं। प्रिंसिपल पर आरोप है कि उन्होंने बिना नीट की परीक्षा पास किए 29 छात्र-छात्राओं का एडमिशन लिया है। राजभवन की टीम ने रातभर प्रिंसिपल प्रजापति त्रिपाठी से पूछताछ की। इस पूरे मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज के सचिव पीएन पाठक ने निगरानी से जांच कराने की मांग कुलपति से की थी। प्रावधानों के मुताबिक बीएएमएस यूजी कोर्स में एडमिशन के लिए पहले छात्रों को पहले नीट की परीक्षा पास करनी होती है।
आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रिंसिपल पर आरोप है कि उन्होंने नामांकन में नियमों की अनदेखी की है। राज्यपाल फागू चौहान के आदेश पर तीन सदस्सीय टीम का गठन किया गया। बुधवार को राजभवन की जांच टीम आयुर्वेदिक कॉलेज पहुंची और रातभर छापेमारी की। टीम में तिलकामांझी विवि भागलपुर के कुलपति, जेपी यूनिवर्सिटी के कुलपति, पटना के कुलपति केशरी मिश्रा शामिल थे। जांच के दौरान कुछ अहम दस्तावेजों टीम के हाथ लगे हैं जिसे वह अपने साथ लेकर पटना चली गई।