बिहार : एक यूनिवर्सिटी के वीसी ने बड़ा आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, राजभवन के नाम पर फर्जी भुगतान का दबाव बनाया जा रहा

बिहार : एक यूनिवर्सिटी के वीसी ने बड़ा आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, राजभवन के नाम पर फर्जी भुगतान का दबाव बनाया जा रहा

PATNA : बिहार के विश्वविद्यालयों में गड़बड़ी और लूट के खेल से जुड़े किस्से लगातार सामने आ रहे हैं। मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो कुड्डूस ने एक बड़ा विस्फोट करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। वीसी प्रफेसर कुंडू की तरफ से मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में आरोप लगाया गया है कि उनके ऊपर राजभवन के नाम पर फर्जी और अधिक भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने सबूत के तौर पर दो मोबाइल नंबर भी जारी किया है। उनका आरोप है कि लखनऊ के अतुल श्रीवास्तव नाम के एक व्यक्ति ने राजभवन के नाम पर फोन कर भुगतान करने का दबाव बनाया। 


मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के वीसी द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखे जाने के बाद हड़कंप मच गया है। कुलपति ने अपने पत्र में लिखा है कि उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद के टेंडर में प्रभारी कुलपति रहे प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह की भूमिका की जांच कराई जाए। वीसी ने कहा है कि विश्वविद्यालयों में लूट का खेल चल रहा है और एक बड़ा गिरोह इसके लिए सक्रिय है। वीसी प्रो कुद्दुस ने उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद के मामले में खुलासा करते हुए कहा है कि पहले 7 रुपये प्रति कॉपी की दर से लखनऊ के बीके ट्रेडर्स के यहां छपाई होती थी जबकि कार्यकारी कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने इसे बढ़ाकर 16 रुपये प्रति कॉपी कर दी। इतना ही नहीं एक ही साथ एक लाख 60 हजार कॉपी का आर्डर भी जारी कर दिया। जब कॉपी की छपाई हो गई तो 28 लाख रुपए का बिल भेजा गया। 


विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह जानकारी दी है कि 22 लाख रुपए का भुगतान मजबूरी में बीके ट्रेडर्स को इसलिए करना पड़ा है क्योंकि सामने परीक्षाएं थीं। हालांकि नियमों का पालन नहीं करने के कारण 6 लाख रुपये का भुगतान रोक दिया गया और अब इसी शेष राशि के भुगतान के लिए उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा है। वाइस चांसलर ने जो खुलासा किया है उसके बाद जब बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर अतुल श्रीवास्तव नाम का यह शख्स कौन है? अतुल श्रीवास्तव का राजभवन से क्या कनेक्शन है और वह राजभवन के नाम पर मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के वीसी को कैसे धमका रहा है? मामला अब मुख्यमंत्री के सामने हैं और आगे देखना होगा कि सरकार इस मामले में कैसे कदम उठाती है।