बिहार में न्यायालयों के अधिकारियों और कर्मियों की बहाली अब समिति करेगी, नीतीश सरकार ने पिछले दिनों बदली थी नियमवाली

बिहार में न्यायालयों के अधिकारियों और कर्मियों की बहाली अब समिति करेगी, नीतीश सरकार ने पिछले दिनों बदली थी नियमवाली

PATNA : बिहार के व्यवहार न्यायालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया बदल गई है। अब इनकी बहाली के लिए समिति का गठन होगा। नीतीश कैबिनेट ने सोमवार को राज्य के व्यवहार न्यायालयों में अराजपत्रित कर्मचारियों की नियुक्ति और सेवा शर्तों के लिए नई नियमावली के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। अब सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए बनाए गए बिहार व्यवहार न्यायालय अधिकारी व कर्मचारी (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण एवं अन्य सेवा शर्त) नियमावली को जारी कर दिया। है। इसके लिए प्रदेश को सात क्षेत्रों में बांटा गया है। हर क्षेत्र के लिए एक समिति बनेगी। यह समितियां पटना हाईकोर्ट के अधीन सभी व्यवहार न्यायालय में यह लागू होगी। नियमावली के प्रभावी होने से पहले स्टाफिंग पैटर्न में किसी पद पर नियुक्ति हुई है तो वह भी इस नियमावली के प्रावधानों के तहत उस सेवा संवर्ग में नियुक्त माने जाएंगे। 


व्यवहार न्यायालय में नियुक्ति के लिए सूबे को पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सारण और पूर्णिया कुल 7 क्षेत्रों में बांटा गया है। इन क्षेत्रों में कई न्यायमंडल शामिल होंगे। पटना क्षेत्र में पटना, नालंदा, रोहतास, कैमूर, भोजपुर और बक्सर शामिल होंगे। गया क्षेत्र में गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, नवादा जबकि भागलपुर क्षेत्र में भागलपुर, मुंगेर, जमुई, खगड़िया, लखीसराय, शेखपुरा और बांका को रखा गया है। इसी तरह मुजफ्फरपुर में मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और शिवहर जबकि दरभंगा क्षेत्र में दरभंगा, मधुबन, समस्तीपुर व बेगूसराय को रखा गया है। सारण क्षेत्र के अधीन सारण, सीवान और गोपालगंज जबकि पूर्णिया क्षेत्र के तहत पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया और सुपौल न्यायमंडल होंगे।


इन 7 क्षेत्रों में हर एक क्षेत्र में एक क्षेत्रीय समिति बनेगी। उस क्षेत्र के सभी न्यायमंडल के सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को मिलाकर इसका गठन किया जाएगा। क्षेत्र के वरिष्ठतम जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्षेत्रीय समिति के अध्यक्ष होंगे। जबकि हर क्षेत्र के चयन समिति के अध्यक्ष को मिलाकर एक केन्द्रीयकृत समिति बनेगी। इसके संयोजक पटना के जिला न्यायाधीश होंगे। केन्द्रीयकृत समिति की सहायता के लिए क्षेत्रीय समितियों द्वारा सुयोग्य एवं उचित पदाधिकारियों-कर्मचारियों से मिलाकर समय-समय पर उच्च्च न्यायालय के अनुमोदन से एक भर्ती कोषांग बनाया जाएगा। कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए क्षेत्रीय समिति, लिखित परीक्षाओ, कौशल या अन्य के लिए ख्याति प्राप्त चयन अभिकरण की सहायता ले सकती है।